धनबाद: सीबीआइ ने बीसीसीएल जीएम कल्याण प्रसाद , प्रकश चंद्रा, एटी देव प्रभा आउटसोर्सिंग कंपनी के एलबी ब्रदर्स पर की एफआइआर,धनबाद, बोकारो, रांची, समेत 13 जगहों पर रेड

  • बीसीसीएल के अन्य पांच अफसरों के खिलाफ भी एफआइआर
  • विजीलेंस जांच में जीनागोड़ा जीनागोड़ा एफ-पैच में 2017 में कोल स्टॉक में 61,756 टन कम मिला था कोयला
  • अफसरों की मिलीभीगत से बीसीसीएल को लगा था 13.5 करोड़ का चूना
  • कोल शॉर्टेज मामले में विजिलेंस ने छह अधिकारियों को पाया था दोषी
  • सीएमपीडीआइ ने भी विजिलेंस की रिपोर्ट को ठहराया था सही
  • एलबी सिंह की कंपनी को पांच साल के लिए मिला था 452.17 करोड़ रुपये की माइनिंग का कंट्रेक्ट
धनबाद:  सीबीआइ एंटी करप्शन विंग धनबाद ने बीसीसीएल लोदना एरिया की जीनागोड़ा प्रोजेक्ट में वर्ष 2017 में हुई कोल स्टॉक शॉर्टेज व कंपनी को करोड़ों का नुकसान पहुंचाने के मामले में कोल अफसर व आउटसोर्सिंग कंपनी एटी देव प्रभा पर शिकंजा क दिया है. सीबीआइ ने सोमवार को लोदना के तत्कालीन जीएम प्रकाश चंद्रा, प्रोजेक्ट अफसर कल्याणजी प्रसाद, एजीएम बीएन सिंह(अब रिटायर्ड) , एरिया सर्वे अफसर ए मंडल, जीनागोड़ा के सर्वे अधिकारी अनूप मेहता, मेसर्स एटी देवप्रभा के डायरेक्टर एलबी सिंह व कुंभनाथ सिंह समेत के खिलाफ एफआइआर दर्ज किया है.सीबीआइ देशव्यापी अभियान के दौरान मंगलवार को एफआइआर एक्युज्ड के 13 ठिकानों पर रेड की है. सीबीआइ टीम ने मामले से जुड़े रिकार्ड खंगाला है. कहां-कहां हुआ रेड लोदना के तत्कालीन प्रोजेक्ट अफसर (अभी जीएम वेलफेयर, हेडक्वार्टर) कल्याण जी प्रसाद- धैया के नालंदा कॉटेज स्थित आवास. लोदना के तत्कालीन जीएम (अभी जीएम एचआरडी, हेडक्वार्टर) प्रकाश चंद्रा- मटकुरिया स्थित आवास लोदना के तत्कालीन एजीएम (अभी रिटायर्ड) बीएन सिंह- रांची स्थित अशोक नगर स्थित आवास. जीनागोड़ा के कोलियरी मैनेजर एके पांडे- सरायढेला स्थित शांति निकेतन अपार्टमेंट. लोदना के एरिया सर्वे अफसर निर्मल मंडल- जेलगोड़ा स्थित आवास जीनागोड़ा कोलियरी के सर्वेयर- अनूप महथा के आवास और ऑफिस आउटसोर्सिंग कंपनी एटी देव प्रभा- सरायढेला स्थित ऑफिस बीसीसीएल की लोदना एरिया ऑफिस, लोदना एमओसीपी स्थित नार्थ-तिसरा प्रोजेक्ट ऑफिस आदि जगहों पर सीबीआइ ने रेड कर कागजात जब्त की है. सीबीआइ की एफआइआर में आरोप कोल स्टॉक की जांच में जीनागोड़ा एफ पैच में 61756 टन कोयला स्टॉक में कम मिला. कोयले की कीमत करीब 13.5 करोड़ रुपये थी. पैच में कोल माइनिंग का कंट्रेक्ट एटी देवप्रभा आउटसोर्सिंग कंपनी को मिला था. एटी देवप्रभा को पांच साल में 251.47 लाख क्यूबिक मीटर मलबा (ओवरबर्डेन) व 107.21 लाख टन कोल प्रोडक्शन करना था. एरिया के विभिन्न साइडिंग व डंप पर कोयला ट्रांसपोर्टिंग का काम था. कुल कंट्रेक्ट 452.17 करोड़ रुपये का था. बीसीसएल अफसर व विजीलेंस ने एनुअल स्टॉक की जांच वर्ष 2017 की 6 व 7 अप्रैल की. स्टॉक बुक में वर्ष 2017 की एक अप्रैल को 159721 टन कोयला स्टॉक में मिला, जबकि यह 221477 टन होना चाहिए था. जांच के बाद वाशरी फोर-ग्रेड का 61756 टन कोयला कम मिला. आरोप है कि बीसीसीएल अफसरों की मिलीभीगत से कंपनी को कोल शॉर्टेज से बीसीसीएल को करीब 13.50 करोड़ रुपये की क्षति पहुंचायी गयी. कंपलेन के बाद सीबीआइ ने मामले की जांच में गड़बड़ी के आरोप को सही पाया. सीबीआइ ने कोल इंडिया चेयरमैन व सीवीसी की अनुमति के सोमवार को बीसीसीएल के छह अफसरों सहित आउटसोर्सिंग कंपनी के एलबी सिंह व कुंभनाथ सिंह के खिलाफ आइपीसी 120-बी, आर/डब्ल्यू 409, 477-ए, सेक्शन 13(2), आर/डब्ल्यू 13(1)(सी) व (डी) भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम 1988 के तहत एफआइआर दर्ज की. डीएसपी बीसी चौरसिया को केस का आइओ बनाया गया है. विडजीलेंस टीम इस मामले में बीसीसीएल अफसरों को पहले ही चार्जशीट की थी. भ्रष्टाचार के आरोप में प्रकाश चंद्र व कल्याण जी प्रसाद को एरिया से हटाकर हेडक्वार्टर में संटिंग में डाला गया है. एलबी एंड कंपनी के साथ विजीलेंस के तत्तकालीन जीएम केडी प्रसाद का विवाद भी पिछले साल चर्चा में रहा था. पुलिस एक केस में जीएम को अरेस्ट कर ली थी. आरोप है कि जीएम पर दबाव बनाने व डराने की कोशिश की गयी थी. जीएम के खिलाफ रंगदारी की केस दर्ज करायी गयी थी. जीएम को पुलिस स्टेशन से ही छोड़ दिया और बाद में केस फाइनल हुआ. सीबीआइ पूर्पूव में एलबी ब्रदर्स के खिलाफ बोरार्गढ़ एरिया मामले में भी  केस दर्ज की थी. कोर्ट से एबी एंड कंपनी को क्लीच चीट मिल चुकी है. सीबीआइ पर हमला मामले व हाल में ही भौरा में फा.रिंग मामले में एलबी ब्रदर्स को पुलिस अरेस्ट कर जेल भेजी थी.