नवी मुंबई रेलवे स्टेशन की तर्ज पर डेवलप होगा Dhanbad Railway Station, नीचे ट्रेन चलेंगी और उपर स्टेशन का बिल्डिंग होगा

धनबाद: धनबाद रेलवे स्टेशन को नवी मुंबई रेलवे स्टेशन की तरह डेवलमप किया जायेगा. उपर स्टेशन की बल्डिंग होगी और नीचे से पैसेंजर टे्रन और मालगाडिय़ां गुजरेंगी. रांगाटांड़ रेल ओवरब्रिज से पैरलल एक और ओवरब्रिज बनेगा. धनबाद स्टेशन पूरी तरह नये लुक में दिखने लगेगा. डबल लेन के नए ओवरब्रिज पर मालगाडिय़ां चलेंगी. डानकुनी से लुधियाना तक बनने वाले पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण से धनबाद रेलवे स्टेशन से लेकर रांगाटांड़ तक कई बड़े बदलाव किये जायेंगे. पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन से डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआइएल) ने अपनी शुरुआती प्लानिंग से रेलवे को अवगत कराया है.सभी डिटेल जानकारी भी साझा कर दी गई है. रेलवे अफसरों ने भी कई सुझाव दिये हैं. अपने कंसल्टेंट से प्लानिंग का नक्शा तैयार कर उपलब्ध कराने को कहा है. ईसीआर के अपर महाप्रबंधक व डीआरएम के साथ डीएफसीसीआइएल के सीजीएम की बैठक में इसपर डिटेल चर्चा हुई है. डीएफसीसीआइएल के अफसर 31 अगस्त तक फाइनल रिपोर्ट के साथ फिर धनबाद आकर रेलवे के साथ बैठक में प्लानिंग को फाइनल टच देंगे. स्टेशन हाइटेक होगा धनबाद रेलवे स्टेशन की नयी बिल्डिंग में स्टेशन मैनेजर केबिन से लेकर आरक्षण केंद्र, जनरल टिकट घर, वेटिंग रुम, स्टॉल समेत अन्य सुविधाएं उपलब्ध रहेगी. फ्रेट कॉरिडार शहर के बाहरी हिस्से से तो मौजूदा रेलवे लाइन के पैरलल ही बिछेगी. टाउन एरिया में लाइन कहां और कैसे बिछाई जायेगी, इस पर डिटेल प्लानिंग कर ली गयी है.इसके लिए गोमो और कोडरमा स्टेशनों में भी कई चेंजेज किये जायेंगे. डीएफसीसीआइएल की फाइनल प्लानिंग के बाद रेलवे अपने अपने लेवल पर भी आकलन करेगी. रेलवे ट्रैक बिछाने को लेकर आनेवाली बाधा, तोड़े जाने वाले भवनों के पुनर्निर्माण का आदि का आकलन कर डीपीआर बनेगा. इसके बाद ही यह तय होगा कि डीएफसीसीआइएल रेलवे स्टेशन और अन्य बिल्डिंग का कंस्ट्कशन खुद करायेगी रेलवे को कंस्ट्कशन का खर्च वहन करोगी. रांगाटांड़ गया पुल से होकर ही फ्रेट कॉरिडोर गुजरेगा. जब तक फ्रेट कॉरिडोर का अंतिम प्रारूप तैयार नहीं हो जाता और उस पर मुहर नहीं लग जाती, तब तक गया पुल का चौड़ीकरण नहीं हो सकेगा. फ्रेट कॉरिडोर के लिए डबल लाइन बिछेगी. इसके लिए मौजूदा पुल के पैरलल एक और ओवरब्रिज का निर्माण करना होगा. अगर पुल का चौड़ीकरण पहले कर दिया गया तो फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण के दौरान तकनीकी समस्या हो सकती है.