धनबाद: कोयलांचल में सूर्यदेव सिंह की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने में सक्रिय हुई रागिनी सिंह

  • बीजेपी व जनता के बीच रागिनी की स्वीकार्यता
  • सिंह मैंशन भी संजीव की पत्नी की राजनीतिक प्रभाव बढ़ाने में जुटा
धनबाद: झरिया के बीजेपी एमएलए संजीव सिंह की पत्नी रागिनी सिंह अपनी दो माह की राजनीतिक सक्रियता से बीजेपी व कोयलांचल में जनता के बीच छा गयी है. रागिनी को बीजेपी व विशेषकर झरिया के जनता के बीच खासा महत्व मिल रहा है. वर्तमान राजनीतिक परिपेक्ष्य में कोयलांचल  की जनता अब रागिनी को ही सूर्यदेव सिंह की राजनीतिक विरासत समझने लगी है. राजानीतक तौर पर अब  धनबाद का सबसे मजबूत राजनीतिक घराना 'सिंह मैंशन' का चेहरा झरिया के बीजेपी एमएलए संजीव सिंह की पत्नी रागिनी सिंह बन गयी है. [caption id="attachment_34361" align="alignnone" width="300"] अमित शाह की चुनावी सभा में मंच पर रागिनी.[/caption] रागिनी अब अपने ससुर सूर्यदेव सिंह व सास कुंती देवी की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने में सक्रिय भूमिका निभा रही है. रागिनी बीजेपी के सेंट्रल व स्टेट लीडरशीप में अपनी पकड़ बना ली है. लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी में शामिल हुई रागिनी पार्टी कैंडिडेट पीएन सिंह के लिए दिन-रात जमकर मेहनत की थी. रागिनी को अमित शाह, राजनाथ सिंह, पीयूष गोयल व सीएम रघुवर दास के चुनावी मंच साझा करने का मौका दिया गया. सीएम समेत बीजेपी के लीडर रागिनी की राजनीतिक महत्ता को समझ रहे हैं. संजीव सिंह के जेल में रहने पर बीजेपी की स्टेट लीडरशीप ने झरिया से रागिनी को ही विधानसभा चुनाव मैदान में उतारने के संकेत दिये हैं. रागिनी को शीघ्र ही बीजेपी संगठन में पद दी जा सकती है. रागिनी को बॉडीगार्ड उपलब्ध कराने के लिए भी पहल शुरु हो गयी है. सीएम ने रागिनी को पोलिटिकल एक्टिविटी बढ़ाने को कहा [caption id="attachment_34250" align="alignnone" width="300"] सीएम को बधाई देती रागिनी.[/caption] लोकसभा चुनाव-2019 रागिनी सिंह की सक्रियता से बीजेपी लीडरशीप खुश है,. चुनाव के दौरान धनबाद की पोलिटिक्सि में अपनी सक्रियया से रागिनी ने नयी छाप छोड़ी है. रागिनी बीजेपी व संघ की सभी कार्यक्रम में अपनी शानदार उपस्थिति दर्ज करा रही है. पिछले दिनों रागिनी सिंह जियाडा डायरेक्टर सत्येंद्र कुमार के साथ रांची जाकर सीएम से मिली है. रागिनी ने सीएम को झारखंड में लोकसभा की 12 सीटों की जीत पर बधाई दी है. सीएम के पूछने पर रागिनी ने बताया कि लोकसभा चुनाव में झरिया से बीजेपी कैंडिडेट को 91 हजार वोट मिले हैं. यह वोट पिछले लोकसभा चुनाव से ज्यादा है. जियाडा डायरेक्टर सत्येंद्र कुमार ने लोकसभा चुनाव के दौरान रागिनी को बीजेपी में शामिल कराने में अहम भूमिका निभायी थी. झरिया एमएलए व सिंह मैंशन परिवार व समर्थकों में सत्येंद्र कुमार काफी विश्वसनीय हैं. संजीव दो साल से हैं जेल में झरिया एमएलए संजीव सिंह एक्स डिप्टी मेयर मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की मर्डर केस में 27 माह से जेल में हैं. संजीव ने वर्ष 2017 की 11 अप्रैल को केस में पुलिस के समक्ष सरेंडर किया था. झारखंड में छह महीने के अंदर विधानसभा चुनाव होना है. अगर संजीव को इस दौरान बेल नहीं मिलती है तो बीजेपी व सिेंह मैंशन रागिनी को झरिया से मैदान में उतारेगी. सिंह मैंशन ने बैकअप प्लान के तहत लोकसभा चुनाव से ही रागिनी को राजनीति के मैदान में उतार दिया है. रागिनी को 22 अप्रैल को सीएम रघुवर दास की मौजूदगी में बीजेपी की सभा में पार्टी में शामिल कराया गया था. एमएलए संजीव के भाई व रागिनी के देवर सिद्धार्थ गौतम उर्फ मनीष सिंह धनबाद लोकसभा क्षेत्र निर्दलीय चुनाव लड़ रहे थे. रागिनी बीजेपी में शामिल होकर पार्टी कैंडिडेट के पक्ष में जमकर प्रचार की. वह पार्टी के सीनीयर लीडरों के साथ के साथ चुनाव सभा में मंच शेयर कर बीजेपी की की राजनीति में छा गयी.रागिनी की सक्रियता के साथ बीजेपी व जनता के बीच बढ़ रही पूछ से संजीव के विरोधी औंधे मुंह गिर गये हैं. संजीव ने चुनाव के दौरान रागिनी को बीजेपी ज्वाइन करा अपने राजनीतिक विरोधी की मंशा पर पानी फेर दिया था. संजीव के विरोधियों ने बीजेपी की ज्वाइन करने की प्लानिंग कर रखी थी. बीजेपी के ही चंद नेता विरोधियों की प्लानिंग में शामिल थे. जियाडा डायरेक्टर सत्येंद्र कुमार की राजनीतिक मंत्र से संजीव ने विरोधियों को बड़ झटका दे दिया. झरिया में भाजपा को पिछले चुनाव से ज्यादा वोट मिले रागिनी के पति एमएलए संजीव सिंह जेल में थे और देवर सिद्धार्थ गौतम निर्दलीय चुनाव मैदान में. रागिनी को दोहरी चुनौती का समाना करना पड़ा. रागिनी की मेहनत रंग लायी और झरिया झरिया विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी के लोकसभा कैंडिडेट पीएन सिंह को 91 हजार वोट मिले. रागिनी के देवर सिद्धार्थ गौतम को मात्र तीन हजार वोट. यही नहीं सिद्धार्थ गौतम को लोकसभा चुनाव में 10 हजार वोट भी नहीं आ सके. जेल में बंद एमएलए संजीव के समर्थकों के साथ रागिनी क्षेत्र में सक्रियता के लोकसभा में बीजेपी को साकारात्मक परिणाम मिला. बताया जाता है कि रागिनी ही अब सिंह मैंशन का चेहरा हैं. सूर्यदेव सिंह की असमय मृत्यु के बाद उनके अनुज बच्चा सिंह ने सिंह मैंशन की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया था. वह झरिया से एमएलए बनकर झारखंड सरकार में नगर विकास मंत्री भी रहे. बच्चा सिंह के बाद सूरजदेव सिंह की पत्नी कुंती सिंह झरिया से बीजेपी के टिकट पर दो बार एमएलए रही. कुंती सिंह के बाद संजीव 2014 में बीजेपी के टिकट पर झरिया से एमएलए बने.