धनबाद: म्यूनिशिपल कॉरपोरेशन ई-गवर्नेंस में 2.65 करोड़ रुपये के घोटाले पुलिस जांच शुरु

धनबाद: धनबाद पुलिस ने म्यूनिशिपल कॉरपोरशन में ई-गवर्नेंस में 2.65 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच शुरू कर दी है. धनबाद पुलिस स्टेशन की पुलिस कॉरपोरेशन ऑफिस में ई-गवर्नेंस से जुड़ी फाइलों व रिकार्ड की कॉपी ली. पुलिस ने ई-गवर्नेंस से जुड़े अधिकारी, कर्मचारी व डिस्पैच क्लर्क से भी लंबी पूछताछ की है. पुलिस अफसर ने अरबन रिफॉर्म स्पेशलिस्ट मनीष कुमार के घर का एड्रेस व मोबाइल नंबर भी हासिल किया है. पुलिस मोबाइल नंबर के आधार पर आरोपी तक पहुंचने की कोशिश करेगी. म्यूनिशिपल कॉरपोरेशन की ओर से पिछले 24 अप्रैल को ई-गवर्नेंस में 2.65 करोड़ रुपये के घोटाले मामले अरबन रिफॉर्म स्पेशलिस्ट मनीष कुमार के खिलाफ धनबाद पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज करायी गयी थी. कॉरपोरेशन की ओर से इस मामले में पहले से अकाउंटेंट अनिल मंडल व स्टोर कीपर हरिश पांडे को सस्पेंड किया जा चुका है. म्यूनिशिपल कॉरपोरेशन की ओर से एक्स कमीशनर मनोज कुमार, एडीशनल कमीशनर प्रदीप कुमार व डिप्टी कमीशनर अनिल यादव पर प्रपत्र क गठित कर विभागीय कार्रवाई के लिए कार्मिक विभाग को लेटर भेजी गयी है. धनबाद में ई गवर्नेंस प्रोजेक्ट के लिए मेसर्स ब्योम टेक्नोलॉजी के साथ वर्ष 2016 की मार्च में एग्रीमेंट हुआ था. ब्योम टेक्नोलॉजी को विभिन्न प्रकार के सॉफ्टवेयर मॉड्यूल तैयार करने, आवश्यक हार्डवेयर उपकरण उपलब्ध कराने व डाटा एंट्री आदि काम करना था. एग्रीमेंट के अनुसार ब्योम टेक्नोलॉजी को फिक्स टाइम तक रख-रखाव भी करना था. प्रोजेक्ट पर काम करने के दौरान कंपनी को इकोनामिक बेनीफिट्स के लिए गलत बिल वेरीफाइड कर 2.65 करोड़ों का पेमेंट कर दिया गया. मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल की कंपलेन पर मामले की जांच शुरू हुई तो घोटाला उजागर हुआ था. इसके बाद आन-फानन में पुलिस में कंपलेन की गयी.