धनबाद: राष्ट्रीय कवि संगम धनबाद इकाई की ओर से काव्य गोष्ठी

धनबाद: राष्ट्रीय कवि संगम धनबाद इकाई की ओर से शुक्रवार को राजेंद्र पार्क, बेकार बाँध में काव्य गोष्ठी आयोजित की गयी. काव्य गोष्ठी मेंजिले भर के साहित्यकार एवं कवि उपस्थित हुए.सभी कवियों ने अलग- अलग विधा की कविताओं का पाठ किया .राष्ट्रीय कवि संगम धनबाद इकाई का पुनर्गठन किया गया. प्रांतीय कार्यकारिणी से मार्गदर्शक मंडल सदस्य दिनेश रविकर एवं प्रांतीय संगठन मंत्री अनंत महेंद्र के निर्देशानुसार जिला अध्यक्षा के रूप में डॉक्टर संगीता नाथ एवं महासचिव के रूप में शालिनी खन्ना को निर्वाचित किया गया.उपाध्यक्ष प्रीति कर्ण एवं सुमन मिश्रा, युवा संगठन मंत्री के रूप में सुमित आर्या मोदी और तुषार कश्यप को दायित्व प्रदान किया गया. कोषाध्यक्ष स्नेहप्रभा पांडेय को नियुक्त किया गया. कार्यक्रम मे डॉ. कविता विकास, प्रमिला श्री, साधना सूद, अमृत तिवारी, शुभदीप साधु, अभिषेक रवानी, ऋषभ कुमार, नीतिश अग्रवाल, करण आदि मौजूद थे. प्रमुख पंक्तियां अनंत महेन्द्र-भांप लेना पिता तुम मुसीबत ख़ुदी, ख़ुद से आकर के बेटी कहे न कहे। दिनेश रविकर-जब दिमाग-वाला मनुज, दिल मे करे प्रवेश। हो खराब तब जिंदगी, दे भर-जीवन क्लेश।। शालिनी खन्ना- तुमको भूल न पाई माँ..अबतक भूल न पाई माँ प्रतिष्ठा वर्मा ज़िंदगी है कुछ ऐसी । कि कोई मोहलत नही हो जैसे ।। मुस्कुराते है कुछ ऐसे । कि कई राज दफन हो जैसे ।। डा.कविता विकास-मुहब्बत की दुनिया चलो इक बसाएं जहाँ में इसी शै की हर सू कमी है प्रमिल श्री ' तिवारी '-आज शाम लालिमा , हमे रही पुकार है . रूप रूत मोहिनी , खिली हुई बहार है. निर्दोष जैन-बड़ा ही कठिन हें बुढ़ापे का दौर साँसो क़ि धुन पे हे ह्फ्णी का जोर करण चौरसिया 'आज़ाद'-इस शाम की तारीख़ में, एक दरिया है जिसने चांद को संभाल रखा है ज़मीन पर, पहले चांद रहती यहीं थी.