DHANBAD NEWS: पत्रकारों को तोपचांची ब्लॉक का विकास कार्य दिखाया गया, मजदूर की बेटी चलायेगी रेल, Jal Shakti Abhiyan का मॉडल बनेगा धनबाद, पहला कदम में गोल्ड हेल्थ कार्ड का कैम्प

पत्रकारों को दिखाया गया मधुमक्खी पालन, जल मीनार टीसीबी व पंचायतों में हुए विकास कार्य धनबाद:जिला मुख्यालय के पत्रकारों को आज तोपचांची प्रखंड के विभिन्न पंचायतों का भ्रमण कराकर वहां चल रही सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से रूबरू कराया गया.भ्रमण के दौरान पत्रकारों को पावापुर पंचायत ले जाया गया,जहां सुदेश प्रसाद द्वारा मधुमक्खी पालन किया जा रहा है. सुदेश प्रसाद ने बताया कि सरकार की योजना के तहत उन्होंने 20 बॉक्स में मधुमक्खी पालन आरंभ किया है.प्रति माह एक बक्से पर ₹150 का खर्च आता है. 20 बॉक्स में मधुमक्खी पालन से उन्हें लगभग 40 किलोग्राम शहद प्राप्त होगा.शहद को निकालने के लिए उन्हें सरकार की ओर से सेंट्रीफ्यूगल बॉक्स भी प्रदान किया गया है. उन्होंने बताया कि मधुमक्खी पालन से उनकी आय में वृद्धि होगी. भ्रमण के दौरान हरिहरपुर पंचायत का भी दौरा किया गया.यहां कोरकोट्टा आजीविका महिला ग्राम संगठन का गठन किया गया है. इस संगठन को झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी एवं एन आर एल एम द्वारा सहयोग प्रदान किया गया है.संगठन की रीता देवी एवं परमिला देवी ने बताया कि उनके समूह में 18 ग्रुप हैं. पहले वे बैंक से ऋण लेकर अपना छोटा-मोटा व्यवसाय करती थी. लेकिन समूह से जुड़ने के बाद उन्हें आसानी से कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध हो जाता है. इससे समूह की महिलाएं विभिन्न प्रकार का व्यवसाय करती हैं. जिससे उनकी गरीबी दूर हुई है. समूह से जुड़ने के बाद समूह की दीदी घर से बाहर निकल रही है. उन्हें समूह के द्वारा सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी मिल रही है. हरिहरपुर पंचायत की कल्पना देवी,खेतनी देवी एवं अलकाही देवी ने बताया कि उनके पंचायत में जल मीनार स्थापित हो गया है.जो सोलर पंपसेट से चलता है.अब महिलाएं जल मीनार से स्वच्छ एवं शुद्ध पेयजल प्राप्त करती हैं.बच्चे भी यहां आकर जल ग्रहण करते हैं.इससे पहले उन्हें दूर-दूर से पेयजल लाना पड़ता था.जिसमें बच्चे भी सहयोग करते थे. इस कारण बच्चों की पढ़ाई लिखाई में भी बाधा उत्पन्न हो रही थी.जल मीनार की स्थापना हो जाने से गांव के लोग काफी प्रफुल्लित हैं और सुकून महसूस करते हैं.उन्होंने बताया कि उनके पंचायत में चार जल मीनार हैं. जहां से 150 से 200 लोग पानी भरते हैं. तोपचांची प्रखंड के रंगडीटांड पंचायत में एलइडी स्ट्रीट लाइट लग जाने से वहां के ग्रामीण भी हर्षित हैं. इसी पंचायत में 70 ट्रेंच कम बाउंडिंग तथा 10000 पौधारोपण किये गये हैं. बीडीओ विजय कुमार ने बताया कि 3 फीट गहरा, 3 फीट चौड़ा और 12 फीट लंबा एक टीसीबी में लगभग एक लाख भूगर्भ जल स्तर को बढ़ाने की क्षमता है. उन्होंने बताया कि वन विभाग द्वारा यहां 10000 पौधारोपण किया गया है. जो आने वाले दिनों में बहुत लाभकारी सिद्ध होगा.इस दौरान पत्रकारों को तोपचांची झील का भी भ्रमण कराया गया. पिता दिल्ली में मजदूर बेटी धनबाद में चलायेगी रेल धनबाद:धनबाद रेल डिवीजन को 238 असिस्टेंट रेल चालक मिले हैं.220 असिस्टेंट रेल ड्राइवरों ने मंगलवार को ज्वाइन कर लिया है. 220 सहायक रेल चालकों में 27 महिला हैं.पर्सनल डिपार्टमेंट की ओर से कागजातों की जांच के बाद सभी असिस्टेंट रेल ड्राइवरों को ट्रेनिंग के लिए जोनल रेलवे ट्रेनिंग स्कूल भूली और ईटीटीसी मुगलसराय व आसनसोल के ट्रेनिंग सेंटरों में कई फेज में ट्रेनिंग दी जायेगी.ट्रेनिंग के बाद सभी रेल ड्राइवर के साथ काम करेंगे. [caption id="attachment_37764" align="alignnone" width="300"] आरती कुमारी.[/caption] हरियाणा  झज्जर में गंगा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट से बीटेक करने वाली आरती कुमार रेल ड्राइवर बनकर काफी प्रसन्न है.आरती पहले वह प्राइवेट सेक्टर में जॉब कर रही थी. रेलवे के सहायक चालक की वैकेंसी निकली तो फार्म भर दिया. परीक्षी दी और पास कर गयी. बिहार के मुंगेर निवासी के पिता अशोक कुमार सिंह दिल्ली में मजदूरी करते हैं. [caption id="attachment_37765" align="alignnone" width="211"] अनुभा स्वरुप.[/caption] मोतिहारी की अनुभा स्वरुप का कहना है कि बेटियों को बस मौका चाहिए,ट्रेन तो चला ही लेंगी.डर और भ्रम दूर कर लें तो कोई भी काम नामुमकिन नहीं.जब मंगल मिशन में महिलाएं शामिल हो सकती हैं तो टे्रन क्यों नहीं चला सकती. अनुभा ने गाजियाबाद से बीटेक किया और प्राइवेट सेक्टर में जॉब कर रही थी. रेलवे भर्ती बोर्ड पटना से वैकेंसी निकलने पर फार्म भर दिया और सलेक्शन हो गया.अनुभा के पिता संजीव स्वरुप इस दुनिया में नहीं हैं.अनुभा अपनी दादी शोभा देवी और मां अनिता स्वरुप को प्रेरणास्रोत मानती है. दिव्यांग बच्चो की स्कूल पहला कदम मे निःशुल्क गोल्ड हेल्थ कार्ड बनवाने का कैम्प धनबाद:जगजीवन नगर स्थित दिव्यांग बच्चो की स्कूल पहला कदम मे बुधवार को साथी फाउंडेशन के द्वारा आयुष्मान भारत योजना के तहत निःशुल्क गोल्ड हेल्थ कार्ड बनवाने हेतु कैम्प का आयोजन किया गया.सिटी एसपी आर राम कुमार तथा डॉ नेहा बजाज ने दीप प्रज्वलित कर इस कैम्प का उद्घाटन किया.मौके पर साथी फॉउंडेशन के संचालक इरफान आलम,हाजी जमीर आरिफ,मुख्तार खान,ज़ाहिदा,कुलसुम,प्रतीक,रोहित,रशीद,अरबाज,लड्डनआदि उपस्थित रहे.गोल्ड कार्ड बनवाने का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर (बी पी एल धारको ) को स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराना था. पहला कदम स्कूल मे नेत्रहीन एवम शारीरिक विकलांग व्यक्तियो एवम बच्चो का आधार कार्ड बनवाया गया. कैम्प मे लगभग 50 लोगों ने गोल्ड कार्ड एवम 35 लोगों ने आधार कार्ड बनवाया.पहला कदम स्कूल मे आज से असंगठित मजदूरों का निबंधन( श्रम विभाग के द्वारा ) प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत फ्री गैस कनेक्शन,गोल्ड कार्ड एवं आधार कार्ड निःशुल्क बनवाया जायेगा.पहला कदम स्कूल में तीन सितंबर को निःशुल्क नेत्र जांच शिविर का आयोजन किया जा रहा है. शिविर में पेसेंट की जांच में मोतियाबिंद की पहचान होने पर निःशुल्क ऑपरेशन भी किया जायेगा.इस कैम्प का लाभ कोई भी जन सामान्य उठा सकते है.इस तरह समय- समय पर पहला कदम मे कई तरह के कैम्प आयोजित किए जाते है जिसका उद्देश्य दिव्यांगों एवम जन सामान्य को लाभ दिलाना है. झारखंड में Jal Shakti Abhiyan का मॉडल बनेगा धनबाद, सीएम ने देश में थर्ड रैंक आने पर दी बधाई रांची: सीएम रघुवर दास ने जल शक्ति अभियान के क्रियान्वयन में धनबाद को देश का तीसरा सबसे बेहतर शहर बनने पर बधाई दी है. सीएम ने इस दिशा में धनबाद जिला प्रशासन की ओर से किये गये प्रयोग की न सिर्फ तारीफ की है, बल्कि बधाई भी दी है. सीएम ने मंगलवार को मुख्यमंत्री सीधी बात कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से धनबाद डीसी से जल संरक्षण के क्षेत्र में किये गये प्रयोग अन्य डीसी के साथ साझा करने को कहा. डीसी अमित कुमार का कहना है कि यह सफलता सरकारी तंत्र के साथ-साथ स्कूलों-कालेजों, गैर सरकारी संस्थानों व आम जनता के आपसी समन्वय से मिली है. जल संरक्षण को जनांदोलन का स्वरूप देने के निमित्त उन्होंने जहां कॉफी विद मुखिया कार्यक्रम की शुरुआत की, वहीं छह जुलाई को सभी पंचायतों में ग्रामसभा आयोजित की. सात जुलाई को एक घंटे में एक लाख पौधे की जगह रिकार्ड 1.41 लाख पौधे जिले में लगाये गये. 'कहीं खो न जाए तालाब' कार्यक्रम के तहत हर गांव के तीन-तीन तालाबों के जीर्णोद्धार की योजना बनाई गई. 'घर का पानी घर में' कार्यक्रम के तहत महिलाओं को सोख्ता बनाने तथा पेड़ लगाने के लिए प्रेरित किया गया. एक से 10 अगस्त के बीच बच्चों के बीच जल संरक्षण को लेकर कई प्रतियोगिताएं कराईं. जिले में अबतक 23 लाख पौधे लगाये जा चुके हैं.