DHANBAD NEWS: बिरसा मुंडा की प्रतिमा डैमेज,अफसर छूटा,ISM में इलेक्ट्रिक वाहन की पढ़ाई,तालाब का सीढ़ी धंसा, वेंडिंग जोन बनेगा

असमाजिक तत्वों ने बिरसा मुंडा की मूर्ति  डैमेज किया, प्रशासन से कार्रवाई की मांग धनबाद:असमाजिक तत्वों ने मंगलवार को बैंक मोड़ स्थित बिरसा मुंडा चौक की मूर्ति को डैमेज कर दिया है. बिरसा मुंडा की मूर्ति में तीर रखने वाला तरकश टूटा हुआ है. शहीद बिरसा मुंडा स्मारक स्मृति संचालन समिति के संयोजत महादेव हांसदा ने डीसी डीएमसी कमीश्नर को लेटर देकर मामले की जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. महादेव हांसदा ने कहा है कि बार-बार भगवान बिरसा की मूर्ति से छेड़छाड़ की जा रही है. मूर्ति में तीर रखने वाला तरकश टूटा हुआ है. प्रशासन 15 नवंबर से पहले असामाजिक तत्वों की गिरफ्तारी कर मूर्ति मरम्मत कराये. 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती मनाई जायेगी. ऐसा नहीं होने पर समिति प्रदर्शन करने को बाध्य होगी. भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा को सोमवार की देर रात असामाजिक तत्वों ने खंडित करने का प्रयास किया है. प्रतिमा के पीठ पे स्थापित बाणों को रखने वाला (तरकश) को उखाड़ कर नीचे फेंक दिया गया. लोगों की नजर मंगलवार की सुबह इस पर पड़ी . खबर इलाके में फैल गयी. पुलिस ने 88 लाख की ठगी के आरोपी बीसीसीएल अफसर को पीआर बांड पर छोड़ा पुलिस का दावा अफसर के खिलाफ सबूत नहीं मिला सारा दोष अफसर के किरायेदार आजाद सिंह पर मढ़ा फरार किरायेदार को ढूंढ़ रही है पुलिस धनबाद: धनबाद पुलिस स्टेशन की पुलिस ने बीसीसीएल में नौकरी के नाम पर 88 लाख रुपये ठगने के आरोपी बीसीसीएल इजे एरिया के सीनियर मैनेजर दीपक कुमार झा को धनबाद मंगलवार को पीआर बांड पर छोड़ दिया. पुलिस का कहना है कि अफसर के खिलाफ कोई सबूत नहीं है. ठगी का आरोपी अफसर का किरायेदा आजाद सिंह है. आजाद सिंह फरार है. पुलिस आजाद सिंह का ढूंढ़ रही है. डीएसपी (लॉ एंड ऑर्डर) मुकेश कुमार का कहना है बरमसिया के युवक विकास कुमार वर्मा ने दीपक झा पर ठगी का आरोप लगा रहा है लेकिन आरोप साबित नहीं हो रहा है. विकास ने दीपक के किरायेदार चाय बेचने वाले युवक आजाद सिंह को पैसा दिया है. दीपक झा का कहना है कि उन्होंने कोई पैसा नहीं लिया है. पैसा लेने का कोई लिखित कागज भी नहीं है. इतनी बड़ी रकम देने के के लिए कोई कागजत नहीं दिखाये गये हैं. पुलिस द्वारा बीसीसीएल को अफसर को थोड़ दिये जाने से तरह-तरह की चर्चा है. नोट डबलिंग के नाम पर भी 10 करोड़ की ठगी! बताया जाता है कि जिस चाय बेचने वाले आजाद सिंह पर नौकरी के नाम पर लाखों रुपये ठगने का आरोप है, वह पहले बेकारबांध में रहता था. बेकारबांध में आजाद ने लोगों से नोट डबलिंग करने व नौकरी दिलाने के नाम पर 10 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की है. ठगी में आजाद के साथ अन्य लोग भी शामिल है. नोट डबलिंग के नाम पर आजाद ने पहले कई लोगों को मुनाफा देकर झांसे में फंसाया था. बेकारबांध के बाद में ठगी के मामले में विवाद होने पर आजाद सिंह बीसीसीएल अफसर दीपक झा के बिनोद नगर में दीपक झा मकान में किराये पर रहने लगा. आजाद लोगों को कहता था कि उसके मकान मालिक 90 दिनों में पैसा डबल करके देंगे. आजाद लोगों को कहा था कि बिजनस में पैसा लगाकर दीपक झा ही पैसे डबल करके देते हैं. पुलिस का कहना है कि आजाद सिंह ह ठगी किया है. दीपक झा की संलिप्ता नहीं है. उल्लेखनीय है कि बरमसिया निवासी शिकायतकर्ता विकास कुमार वर्मा अपने कुछ साथियों के साथ बीसीसीएल में नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगी करने वाले बिनोद नगर निवासी दीपक कुमार झा उर्फ डीके झा को सोमवार की शाम कोर्ट मोड़ स्थित एक चाय की दुकान से पकड़ पुलिस को सौंपा था. इस दौरान दीपक व विकास के बीच नोकझोंक व हाथापाई भी हुई थी. विकास कुमार वर्मा ने बताया कि डीके झा ने कुछ बेरोजगार युवकों को बीसीसीएल में नौकरी दिलाने के नाम पर 88 लाख रुपये ठगे हैं. सभी 11 लोगों से आठ-आठ लाख रुपये लिया था. लोगों को नौकरी नहीं मिली तब विकास व अन्य युवकों ने अपना पैसा वापस लेने का दबाव डाला, डीके झा टालमटोल करने लगा. मामले की शिकायत पहले से ही एसएसपी को की गयी है. सवा दो करोड़ की लागत से बनी ऐना तालाब की सीढ़ी धंसी, अफरातफरी मची झरिया: धनबाद म्यूनिशिपल कॉरपोरेशन (डीएमसी) वार्ड 35 अंतर्गत ऐना तालाब की सीढ़ी मंगलवार को दिन के तीन बजे नीचे धंस गयी. तालाब में कपड़ा धोने व नहा रहे लोगों में अफरतफरी मच गयी. लोग इधर-उधर भागने लगे. लोगों का कहना है कि डीएमसी द्वारा चंद माह पहले ही दो करोड़ 19 लाख की लागत से तालाब का सौंदर्यीकरण कराया गया था. कंट्रेक्टर द्वारा द्वारा तालाब के सौंदर्यीकरण में कार्य में भारी अनियमितता बरती गयी है. पुरानी जर्जर सीढी पर पत्थर बिछाया दिया गया. ठेला-खोमचा वालों के लिए 54 करोड़ की लागत से बनेगा वेंडिंग जोन बरटांड़ हीरापुर और झरिया में वेंडिंग जोन बनेगा डीएमसी फुटपाथ विक्रेताओं को व्यापार उपलब्ध कराकर देगा धनबाद: धनबाद म्यूनिशिपल कॉरपोरेसन (डीएमसी) फुटपाथ व सड़क किनारे ठेला-खोमचा लगाकर अपना जीवन बसर करने वालों को आशियाना देगा. इनलोगों को वेंडिंग जोन में बसाया जाएगा. धनबाद के बरटांड़, हीरापुर और झरिया थाने के सामने वेंडिंग जोन बनाया जायेगा. वेडिंग जोन बनाने की प्रक्रिया भी शुरू हो गयी है. रांची की टीम धनबाद आकर स्थलीय निरीक्षण भी कर चुकी है. लगभग 54नकरोड़ की लागत से वेडिंग जोन का निर्माण किया जायेगा. धनबद नगर निगम इन जगहों पर फुटपाथ विक्रेताओं को व्यापार उपलब्ध कराके देगा. विक्रेताओं के लिए प्रत्येक जगह पर दुकान, पार्किंग, शौचालय, बच्चों के खेलने के लिए मनोरंजन का साधन उपलब्ध होगा. डीएमसी की लिस्ट में 3978 अधिकृत फुटपाथ विक्रेता डीएमसी ने शहरी क्षेत्र में फुटपाथ विक्रेताओं को चिह्नित करने के लिए तीन साल पहले सर्वे कराया था. सर्वे में इसमें 3978 फुटपाथ विक्रेता चिह्नित किये गये थे. सर्वे के बाद रजिस्टर्ड फुटपाथ विक्रेताओं को पहचान पत्र देने की भी बात हुई थी. सभी को पहचान पत्र नहीं मिल पाया है. IIT ISM इलेक्ट्रिक वाहन बनाना सिखायेगा, स्टूडेंट अगले सेमेस्टर से करेंगे पढाई धनबाद: आइआइटी आइएसएम अब अगले सेमेस्टर से इलेक्ट्रिकल वाहन की पढ़ाई भी करायेगा. आइआइटीआइएसएम इसके लिए बीआइटी मेसरा के रोबोटिक्स विशेषज्ञ डॉ. अरुण दयाल से मदद ले रहा है. यहां छात्र थ्योरी और प्रेक्टिकल के जरिए इलेक्ट्रिकल वाहन की पूरी प्रक्रिया से रूबरू होंगे. छात्र जानेंगे कि इसे कैसे बनाया जाता है, इसमें किन-किन चीजों का समावेश होता है, यह किस तरह से काम करता है और ऐसी गाडिय़ों की लाइफ कितनी होती है. इस क्षेत्र में आगे चलकर कितना स्कोप है, छात्रों के इसके बारे में भी बताया जायेगा. भारतीय ऑटो उद्योग में में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) क्रांति के लिए इंजीनियर नहीं मिल रहे रहे हैं. आइआइटी के अनुसार एक शोध में यह बात सामने आई है कि देश में लगभग एक हजार इंजीनियर ही इलेक्ट्रिक वाहनों पर काम कर रहे हैं. ऑटो कंपनियां प्रतिभा पाने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी), राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) और केंद्रीय वित्त पोषित तकनीकी स्कूलों जैसे देश के प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थानों पर फोकस कर रही हैं. वाहनों के प्रदूषण को कम करने के लिए आइआइटी खडग़पुर के 50 छात्रों की एक टीम ने . हाल ही में एक इलेक्ट्रिक वाहन विकसित किया है. यह बेहतर विकल्प साबित हो सकता है. आइआइटी आइएसएम के डायरेक्टर प्रो.राजीव शेखर ने कहा है कि अगले सेमेस्टर से इलेक्ट्रिक वाहन पर काम होगा. इसके लिए बीआइटी मेसरा के रोबोटिक्स विशेषज्ञ की मदद ली जा रही है. छात्रों को हर विधा में दक्ष बनाना ही लक्ष्य है.जल्द ही कई और भी बदलाव देखने को मिलेंगे.