धनबाद: समझौता के बाद 10 घंटे में टूट गयी झमाडा की स्ट्राइक

कोयलांचल में पानी के लिए मचा रहा हाहाकार तोपचांची से रात में व जामाडोबा से सुबह में रोक दी गयी थी वाटर सप्लाई धनबाद: कोयला राजधानी धनबाद में जल संकट का सामना कर रहे लोगों को शनिवार को झमाडाकर्मियों की स्ट्राइक पर चले जाने से और परेशानी बढ़ गयी. झरिया, कतरास, पुटकी समेत कोलियरी क्षेत्रों में पानी के लिये हाहाकार मचा रहा. समझौता वार्ता के बाद दिन के तीन बजे झमाडाकर्मियों की स्ट्राइक समाप्त हो गयी. झमाडाकर्मियों ने तोपचांची झील से वाटर सप्लाई को शुक्रवार रात से ही रोक दिया था. जामाडोबा से हो रही वाटर सप्लाई को शनिवार की सुबह से रोक दी गयी. झमाडा के झरिया, धनबाद समेत विभिन्न कार्यालयों में झमाडाकर्मियों ने प्रदर्शन और नारेबाजी किया. स्ट्राइक के कारण वाटर सप्लाई के साथ सफाई कार्य भी बंद कर दी गयी. झमाडाकर्मियों की जिला प्रशासन के पहल पर दिन के तीन बजे समाहरणालय वार्ता हुई. एमएलए राज सिन्हा की अध्यक्षता में हुई समझौता वार्ता में केंद्रीय छठा वेतनमान का निर्धारण कर भुगतान करने, प्रत्येक माह नियमित वेतन देने तथा बकाया वेतन का शीघ्र भुगतान करने पर सहमति बनी. झमाडा नेजमेंट ने आश्वासन दिया कि आंदोलन के दौरान किसी भी कर्मी के विरुद्ध कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं होगी. वार्ता में झमाडा के प्रभारी एमडी चंद्रमोहन कश्यप, एडीएम (लॉ एंड आर्डर) राकेश दुबे, एसडीएम राज महेश्वरम. झमाडा कर्मियों की ओर से विनोद मिश्र, राधा रमण सिंह, मो.असलम, रामजी साव तथा सुरेंद्र प्रसाद समेत अन्य शामिल थे. समझौता में जिन मांगों पर सहमति बनी केंद्रीय षष्ठम वेतनमान का निर्धारण कर कर्मियों को एक माह का वेतन 15 दिन के अंदर पमेंट करने, सरकार से स्थापना मद में प्राप्त होने वाली राशि का 9.42 करोड़ के अतिरिक्त अन्य वेतनमान मद में भुगतान करने,झमाडा का संशोधित विधेयक 2019 की जल्द अधिसूचना जारी कर उसी के आधार पर वेतन का भुगतान करने,माह सितंबर 2019 से नियमित ढंग से वेतन का भुगतान करने, राज्य सरकार से प्राप्त अतिरिक्त राशि से कर्मियों का बकाया वेतन का भुगतान करने की मांग शामिल है.