झारखंड: नक्सली हिंसा में मारे गये दूसरे स्टेट के निवासी के आश्रितों को भी झारखंड में मिलेगी नौकरी

होम डिपार्टमेंट ने गर्वमेंट को प्रोपोजल भेजा रांची: नक्सली हिंसा में मारे गए दूसरे राज्य के निवासी को भी झारखंड में नौकरी व अनुग्रह अनुदान देने की योजना है. अब तक ऐसी व्यवस्था नहीं होने से दूसरे राज्य के निवासियों को झारखंड सरकार की नीति का लाभ नहीं मिल रहा है. सरकार के पास ऐसे मृतकों के ऐसे आश्रितों के कई आवेदन पहुंची,तो सरकार ने पहल शुरु किया है. होम डिपार्टमेंट की ओर से इससे संबंधित प्रोपोजल तैयार कर फाइल सीएम के पास भेजा गया है.सीएम की अनुमति के बाद उक्त फाइल की कानूनी प्रक्रिया पूरी होगी होम डिपार्टमेंट की ओर से प्रोपोजल में उल्लेख है कि कि राज्य में हुई उग्रवादी हिंसा में मारे जाने वाले राज्य के बाहर के सामान्य निवासी के आश्रित परिवार के एक सदस्य को भी झारखंड के निवासी की तरह ही अनुग्रह अनुदान व नौकरी पर विचार होना चाहिए. कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग, योजना सह वित्त विभाग, विधि विभाग की सहमति भी इस प्रोपोजल पर मिल चुकी है. दूसरे स्टेट के रहने वाले नौ ऐसे लोग हैं जो झारखंड में उग्रवादी हिंसा के शिकार हुए थे, होम डिपार्टमेंट ने उनके आश्रितों के आवेदन के बाद  प्रोपोजल तैयार किया है. झारखंड में उग्रवादी हिंसा में मारे गए दूसरे राज्य के निवासी  नीरज कुमार (बिहार) : 25 नवंबर 2011 को मारे गये. गुडडू राठौर (बिहार) : 14 जून 2015 को मारे गये. प्रह्लाद सिंह राठौर (मध्य प्रदेश) : 30 मार्च 2018 को मारे गये. मोबारिक खां (राजस्थान) : 16 अगस्त 2014 को मारे गये. सुधीर कुमार झा (बिहार) : 20 अप्रैल 2014 को मारे गये. अंदेरियस लोमगा (ओडिशा) : 09 सितंबर 2014 को मारे गये. सुनील कुमार राय (छत्तीसगढ़) : 14 जून 2017 को मारे गये. अमित कुमार (बिहार) : 24 अप्रैल 2014 को मारे गये. विशाल साड़वे (महाराष्ट्र) : 30 मार्च 2018 को मारे गये.