चाईबासा: पुलिस ने सारंडा इलाके में एक्टिव दो नक्सली को दबोचा, स्टेनगन और व रायफल बरामद

दस्ता से छुट्टी लेकर आये थे घर चढ़ गये पुलिस के हत्थे चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम पुलिस ने सारंडा इलाके में सक्रिय भाकपा माओवादी के दो नक्सलियों कृष्णा केराई और बेड़ेगा सिरका को दबोचकर बड़ी सफलता हासिल की है. पुलिस ने नक्सलियों की निशानदेही पर स्टेनगन व रायफल भी बरामद की है. नक्सल गतिविधियों से परेशान पुलिस की यह बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. एसपी इंद्रजीत महथा ने प्रेस कांफ्रेस में कर नक्सलियों की गिरफ्तारी की जानकारी दी. एसपी ने बताया कि पुलिस गिरफ्त में आये नक्सली कृष्णा केराई और बेड़ेगा सिरका के विरुद्ध विभिन्न पुलिस स्टेशनों में नक्सल गतिविधियों से जुड़े कई मामले दर्ज हैं. दोनों सारंडा इलाके में नक्सल गतिविधियों में काफी दिनों से एक्टिव थे. दस्ते से छुट्टी लेकर दोनों नक्सली घर आये थे. पुलिस गुप्ता सूचना के आधार पर दोनों के घर में रेड मारकर दबोच ली. नक्सली के पास से एक बाइक भी बरामद की गई है. संगठन में नये लड़कों को जोड़ने का कर रहा था प्रयास एसपी ने बताया कि कृष्णा केराई माओवादी दस्ते से छु्ट्टी लेकर घर आया था. वह संगठन में नये लड़कों को जोड़ने के लिए संपर्क करने का प्रयास कर रहा था. दोनों माओवादियों के घर आने की सूचना के बाद सीआरपीएफ और पुलिस की ज्वाइंट टीम बनाकर गुवा पुलिस स्टेशन एरिया के बेड़ाराईका में रेड कर कृष्णा केराई को उसके घर से पकड़ा गया. पुलिस पूछताछ में कृष्णा ने बताया कि वह अपने साथी बेड़ेगा सिरका के साथ मोछू दस्ता से छुट्टी लेकर घर आया है. दस्ता से घर आते वक्त वह अपना स्टेनगन और बेड़ेगा सिरका का रायफल जंगल में छिपा दिया है.पुलिस बड़ेगा सिरका को पकड़ ली, कृष्णा की निशानदेही पर जंगल से दोनों आर्म्स बरामद की गयी. एसपी ने कहा कि कृष्णा केराई ने पुलिस को बताया है कि वह संदीप दा के कहने पर वर्ष 2015 में माओवादी दस्ता ‍ते में शामिल हुआ थाय वह गुवा से रोआम तक रोड कंस्ट्क्शन में लगे वाहनों को दो-दो बार आग लगाने की घटना में शामिल था. कृष्णा ने किरीबुरू पुलिस स्टेशन एरिया से सटे सेडल गेट से मेन रोड पर वर्ष 2017 में आईआईडी लगाया था. वह वर्ष 2017 में बड़ा कुंदरीझर में रूपेश चंद्र गोप की मर्डर में भी शामिल था. उल्लेखनीय है कि 2009 के बैच के आइपीएस इंद्रजीत महथा की गिनती झारखंड में ईमानदार व तेजतर्रार अफसरों में है. अपराधियों पर उग्रवादियों के खिलाफ उनकी एक्शन की पुलिस के आला अफसर में प्रशंसा करते रहते है. पलामू जैसे घनघोर उग्रवाद जिला में दो साल से ज्यादा एसपी रहने के दौरान श्री महथा ने नक्सल व क्राइम में पूरी तरह कंट्रोल करने में सफलता हासिल की. दर्जनों ईनामी उग्रावादियों ने श्री महथा के कार्यकाल में  पलामू में पुलिस के समक्ष सरेंडर किया था. श्री महथा पब्लिक फ्रैंडली होने कारण लोगों में काफी लोकप्रिय रहते हैं. सरायकेला एसपी पद से ट्रांसफर होने पर लोकल लोगों नेरोड जाम कर दिया था. पब्लिक डिमांड पर श्री महथा ट्रांसफर कैंसिल हुआ था.