बिहार:मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में CBI ने 11 लड़कियों के मर्डर की आशंका जतायी, हड्डियों की पोटली बरामद

  • ब्रजेश ठाकुर और अन्य ने 11 लड़कियों की कथित तौर पर की मर्डर
  • श्मशान घाट से मिली हड्डियों की पोटली, शासन-प्रशासन में हड़कंप
मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर सेल्टर होम मामले में सीबीआइ ने बड़ा खुलासा किया है. सीबीआइ की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दी गयी हलफनामे में कहा गया है कि सेल्टर होम यौन उत्प्रीड़न मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर और उसके सहयोगियों ने 11 लड़कियों की कथित रूप से मर्डर कर दी थी. सीबीआइ का कहना है कि एक श्मशान घाट से हड्डियों की पोटली बरामद हुई है. सीबीआइ ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने हलफनामे में कहा कि जांच के दौरान दर्ज पीड़ितों के बयानों में 11 लड़कियों के नाम सामने आये हैं. ब्रजेश ठाकुर और उनके सहयोगियों ने इनकी कथित रूप से मर्डर की थी. एक आरोपी की निशानदेही पर एक श्मशान घाट के एक खास स्थान की खुदाई में हड्डियों की पोटली बरामद हुई है. सीबीआई ने कहा है कि जांच के दौरान, जांच अधिकारियों और राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं न्यूरो विज्ञान संस्थान द्वारा दर्ज पीड़ितों के बयान में 11 लड़कियों के नाम सामने आये हैं. आरोपी ब्रजेश ठाकुर तथा उसके सहयोगियों ने कथित रूप से इनकी मर्डकर कर दी थी. सीबीआई ने एक आवेदन पर हलफनामा दायर करते हुए कहा है कि गुड्डू पटेल नाम के एक आरोपी से पूछताछ के दौरान खुलासे वाले तथ्यों के आधार पर, आरोपी की निशानदेही पर श्मशान घाट में एक खास स्थान की खुदाई की गई और मौके से हड्डियों की एक पोटली बरामद हुई है. सीबीआई ने Bihar shelter home case में आरोपियों को बचाने के आरोप को नकारते हुए अपनी सफाई सुप्रीम कोर्ट में पेश की.चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने अब इस मामले में याचिकाकर्ता को जवाब दायर करने को कहा है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने मामले की शुक्रवार को सुनवाई की. बेंच ने कहा कि वह आवेदन पर सीबीआई को औपचारिक नोटिस जारी करेगी और एजेंसी चार सप्ताह के भीतर इसका जवाब देगी. याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील शोएब आलम और फौजिया शकील ने बेंच से कहा कि सीबीआइ ने मामले में बड़ी साजिश के बारे में उचित तरीके से जांच नहीं की है. आरोपितों के खिलाफ कानून के कड़े प्रावधानों के तहत आरोप पत्र दाखिल नहीं किया है. बेंच ने पूछा, ‘क्या हम सीबीआइ को सुने बिना ही निर्देश दे दें?’ सीबीआइ की ओर से पेश अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट से कहा कि एजेंसी अपना जवाब सौंप चुकी है. बेंच ने संक्षिप्त दलीलों के बाद इस मामले में आगे की सुनवाई के लिए छह मई की तारीख तय की है. सीबीआइ ने आरोपों पर ऐफिडेविट में कहा है कि अपराधियों की पहचान के लिए सभी जरूरी कदम उठाये गये हैं. अपराधियों के बारे में पुख्ता जानकारी जुटाने के बाद, पूरी जांच प्रक्रिया के साथ ही उनके खिलाफ चार्जशीट दायर की गयी. बाहरियों से संबंधित जांच करने के बाद ऐसे लोगों के खिलाफ भी एक चार्जशीट दायर की गयी है. सामाजिक कार्यकर्ता निवेदिता झा ने सीबीआई पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाते हुए याचिका दायर की थी. याचिका मेंआरोप लगाया था कि सीबीआई ने न तो आरोपियों पर हत्या जैसे अपराध की धाराएं दर्ज की हैं और न ही इसमें शामिल बाहर के लोगों पर कार्रवाई की है. निवेदिता का आरोप है कि पीड़ितों के बयान दर्ज करने के बजाए सीबीआई ठाकुर समेत अन्य आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है. याचिका में कहा गया है कि सीबीआई की ओर से की जा रही जांच अधूरी है. सीबीआइ ने उन बाहरी लोगों पर केस नहीं दर्ज किया है, जो शेल्टर होम में आते थे और पीड़ितों का रेप करते थे.याचिकाकर्ता ने आरोपों के साथ कहा कि न्यायिक मैजिस्ट्रेट के सामने पीड़ितों ने जो बयान दर्ज कराये थे. उनमें से एक में तोंदवाले अंकलजी का जिक्र किया गया था और दूसरे में मूंछवाले अंकलजी भी बताया गया था, जो कि शेल्टरहोम में आए दिन आया करते थे लेकिन एजेंसी ने उन्हें तलाशने की जेहमत नहीं उठाई. याचिकाकर्ता ने कहा है, 'पीड़ितों के बयानों से यह स्पष्ट होता है कि ब्रजेश ठाकुर बड़े पैमाने पर सेक्स रैकिट चला रहा था. चार्जशीट के अवलोकन से यह बात भी साफ होती है कि सीबीआई ने असली अपराधियों को बचाने की कोशिश में जानबूझकर पीड़ितों के बयानों से मिली जानकारी के आधार पर जांच करने के बजाए उसे टाल दिया. याचिका में कहा गया है कि यह बात स्पष्ट नहीं है कि पीड़ितों के द्वारा दिए अपराधियों के भौतिक विवरण के आधार पर ही सीबीआई द्वारा स्केच तैयार कराए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सीबीआई से जवाब मांगा था. पटना सीबीआई एसपी देवेंद्र सिंह ने हलफनामा दायर किया है. तेजस्वी ने किया सीएम नीतीश पर हमला लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि 'नीतीश कुमार के अतिकरीबी दुलरवा ब्रजेश ठाकुर ने सीएम के संरक्षण में 34 बच्चियों का सत्ताधारी नेताओं द्वारा सामूहिक बलात्कार उपरांत 11 बच्चियों को मारकर गाड़ दिया. हिंदू रीति से दाह संस्कार भी नहीं किया. बाकी बच्चियां अभी भी गायब हैं. नीतीश सरकार नंगी हो चुकी है. टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान की रिपोर्ट पर हुआ था खुलासा उल्लेखनीय है कि बिहार के मुजफ्फरपुर में एक एनजीओ द्वारा संचालित आश्रय गृह में कई लड़कियों का कथित रूप से बलात्कार और यौन उत्पीड़न किया गया था. टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान की रिपोर्ट के बाद यह मुद्दा उछला था. मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी और एजेंसी ने ब्रजेश ठाकुर सहित 21 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर किया था.