झारखंड:उद्घाटन के 12 घंटे बाद ही कोनार सिंचाई परियोजना का केनाल टूटा,तीन सदस्यीय जांच टीम गठित, 24 घंटे में रिपोर्ट तलब

हजारीबाग: कोनार सिंचाई परियोजना का सीएम रघुवर दास ने बुधवार को दिन उद्घाटन किया और रात को 12 बजे बाद गिरिडीह जिले के बगोदर में नहर का केनाल टूटने के चलते यहां सैंकड़ों एकड़ खेत में पानी भर गया.आनन-फानन में कोनार सिंचाई योजना से पानी रोक दिया गया है.केनाल टूटने से बगोदर के आधा दर्जन गांवों की खेतों में पानी भर गया है.बगोदर एवं सरिया की सीमा पर स्थित कुसुम रजा गांव में नहर टूटने से खेतों में पानी भर गया जिससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है. जल संसाधन विभाग ने कोनार सिंचाई परियोजना के उद्घाटन के महज 12 घंटे बाद ही नहर के एक हिस्से के बह जाने को गंभीरता से लिया है. मामले की जांच जांच के लिए विभागीय स्तर पर तीन सदस्यीय समिति का गठन करते हुए अगले 24 घंटों में रिपोर्ट तलब की गई है. हालांकि, प्रत्यक्ष में विभाग के स्तर पर इसे सामान्य घटना बताया गया है. कहा गया है कि लंबे समय बाद जब पानी छोड़ा जाता है, तो नहर के कच्चे हिस्से में इस तरह की टूट संभव है. जल संसाधन मंत्री रामचंद्र सहिस ने मुख्य नहर की शाखा नहर टूटने को गंभीरता से लिया है. उन्होंने इसकी जांच के लिए अभियंता प्रमुख को निर्देश दिए हैं. मंत्री ने कहा है कि जांच में जो दोषी पाये जायेंगे उन पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने अधिकारियों के साथ इस मसले पर बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये.अभियंता प्रमुख हेमंत कुमार ने तीन सदस्यीय समिति का गठन कर उसे तत्काल घटनास्थल पर रवाना किया. मुख्य अभियंता, मुख्यालय मो. सनाउल्लाह के नेतृत्व में गठित समिति में हजारीबाग के मुख्य अभियंता अशोक कुमार और लघु सिंचाई के अधीक्षण अभियंता राकेश कुमार को शामिल किया गया है. समिति अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट शुक्रवार को देगी. रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी.अभियंता प्रमुख हेमंत कुमार ने कहा है कि जो हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ है, वह मुख्य नहर नहीं, बल्कि उसकी शाखा नहर है.पहली बार जब किसी नहर में पानी छोड़ा जाता है, तो ऐसी संभावना बनी रहती है. ऐसी जगहों पर चूहे भी बिल बना देते हैं. खबर मिली है कि तटबंध टूटने से बहुत ज्यादा क्षति नहीं हुई है. तत्काल मरम्मत कराने के भी निर्देश दिए गये हैं. जल्दी इसे दुरूस्त कर लिया जायेगा. नहर में अभी 54 किलोमीटर तक के लिए करीब 500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. फिलहाल पानी बंद कर दिया गया है. इंजीनियरों का कहना कि बगोदर के पास कुसुम रजा गांव में शुरू हुई कोनार सिंचाई परियोजना के नहर टूटा है. एहतियात के तौर पर फिलहाल पानी रोक दिया गया है. टीम भेजकर केनाल की मरम्मतकरायी जा रही है.उदघाटन के चंद घंटों बाद ही बगोदर के कुसमरजा पंचायत के घोसको गांव में टूट गया. नहर का पानी खेतों में भर गया। लाखों रुपये के फसल एवं एक आवास व चारदीवारी भी क्षतिग्रस्त हो गया है. इससे इस पंचायत के घोसको समेत चार गांव प्रभावित हुए हैं. एक्स एमएलए बिनोद सिंह घटना की सूचना मिलते ही प्र्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव में लाभ लेने के लिए सरकार ने आनन-फानन में इस परियोजना का उदघाटन कर आफत बुला लिया.उन्होंने प्रभावित किसानों को सरकार से मुआवजा देने की मांग की है. घोसको गांव के इदरीश अंसारी, खजमुद्दीन अंसारी, जमल अंसारी, मोहनी देवी, विशुन पंडित, मो. सेराज समेत दर्जनों किसानों को इससे भारी नुकसान हुआ है. उन्होंने बताया कि घोसको के अलावा बरवाडीह, प्रतापपुर एवं घटैया गांव के किसानों को इससे नुकसान हुआ है. उदघाटन के लिए जब बुधवार को कोनार डैम से पानी छोड़ा गया तो घोसको कैनल तक पानी भर गया था. कैनल से कुछ दूर पूर्व ही नहर का मेढ़ जो मिट्टी का था, पानी का दबाव सह नहीं सका. रात के लगभग 12 बजे मेढ़ टूट गया. इससे आसपास के सभी खेत पानी में डूब गये. बगल में एक आवास था जो डैमेज हो गचा है. लोगों को सुबह मामले की जानकारी हुई तो लोग मौके पर पहुंचे. तब तक डैम से पानी निकासी रोकने के कारण स्थिति नियंत्रित हो चुकी थी. केनल के आगे अभी नहीं बना है.