धनबाद:बीजेपी एमएलए ढुल्लू महतो को 18 महीने की सजा,मिली बेल,बची एमएलएशीप, सेशन कोर्ट में अपील करेंगे

धनबाद:एसडीजेएम शिखा अग्रवाल की कोर्ट ने BJP के बाघमारा एमएलए ढुल्लू महतो को सरकारी कार्य में बाधा डालने व पुलिस स्टेशन के अफसर इंचार्ज की वर्दी फाड़ने के मामले में दोषी करार देते हुए 18 महीने की सजा सुनाई है. कोर्ट ने GR नंबर- 20123/13 मामले की सुनवाई करते हुए छह साल पुराने मामले में अलग-अलग सेक्सन में एमएलए के साथ-साथ चार अन्य को डेढ़ साल की सजा के साथ-साथ छह हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने इस मामले में एक अभियुक्त बसंत शर्मा को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. वह 30 दिन के अंदर सजा के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील कर सकते हैं. कोर्ट ने एमएलए ढुल्लू समेत सभी पांच दोषियों को 10-10 हजार रुपये के निजी मुचलके पर अंतरिम जमानत दे दी है. बचाव पक्ष की ओर से सीनीयर एडवोकेट ललन किशोर ओझा एसएन मुखर्जी, राधेश्याम गोस्वामी, एनके सविता,ललन प्रसाद ने पैरवी की.एमएलए ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें कोर्ट पर पूरा भरोसा है.वह इस सजा के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करेंगे.उन्हें बदनाम करने के लिए विरोधियों ने साजिश रची. वह गरीबों की लड़ाई लड़ते हैं, इस कारण उन्हें फंसाया गया है. सजा के साथ बड़ी राहत एमएलए ढुल्लू महतो के लिए राहत की बात ये रही कि उन्हें दो साल से कम की सजा मिली है. अगर ढुल्लू को दो या दो साल से अधिक की सजा मिलने पर भारतीय जनप्रतिनिधत्व कानून के तहत उनकी एमएलएशीप जा सकती थी. वह अगला विधानसभा चुनाव भी नहीं लड़ पाते. कोर्ट के फैसले पर ढुल्लू के परिजन व समर्थकों ने खुशी जाहिर की है. कोर्ट से इस फैसले से ढुल्लू विरोधियों को बड़ा झटका लगा है.ढुल्लू विरोधी कोर्ट के संभावित फैसले को लेकर तरह-तरह के कयास लगा रहे थे. माडिया में भी ढुल्लू के राजनीतिक भविष्य को लेकर कयास लगाये जा रहे थे. हलांकि एमएलए ढुल्लू महतो अब सजायाफ्ता हो गये हैं. कोर्ट से 18 माह की सजा यानी दो साल से कम की सजा के कारण उनकी एमएलएशीप बच गयी है. सजायाफ्ता होने के बाद भी वह अगला विधानसभा चुनाव भी लड़ सकते हैं. फ्लैश बैक बरोरा पुलिस स्टेशन के तत्कालीन ऑफिसर इंचार्ज आरएन चौधरी ने कतरास पुलिस स्टेशन में एमएलए ढुल्लू महतो, राजेश गुप्ता, चुनचुन गुप्ता, रामेश्वर महतो, गंगा गुप्ता, बसंत शर्मा समेत अन्य के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने और हिरासत से वारंटी को जबरन मुक्त कराने, हमला करने, आर्म्स छिनने की कोशिश करने की एफआइआर दर्ज करायी थी. कतरास पुलिस स्टेशन कांड संख्या- 120/13 में नेम्ड के अलावा 35-40 अननोन लोगों के खिलाफ आइपीसी की सेक्शन 147, 148, 149, 341, 323, 332, 290, 427, 283, 223, 225, 504 के तहत मामला दर्ज किया गया. एफआइआर के अनुसार वर्ष 2013 की 12 मई को बरोरा पुलिस स्टेशन इंचार्ज रामनारायण चौधरी समेत अन्य पुलिसकर्मी वारंटी राजेश गुप्ता को उसके निश्चितपुर स्थित आवास पर पकड़ने गई थी. पुलिस राजेश गुप्ता को पकड़ ली थी. एमएलए ढुल्लू महतो को राजेश गुप्ता के पकड़ने जाने की जानकारी मिली तो वह अपने समर्थकों के साथ पहुंचे व वारंटी राजेश गुप्ता को छुड़ाकर ले गये. आरोप था कि एमएलए व उनके समर्थकों ने पुलिस के साथ धक्का-मुक्की भी की. मामले में ढुल्लू अग्रिम जमानत नहीं मिली थी. पुलिस ढुल्लू की कुर्की करने की तैयारी में थी. अंतत: ढुल्लू ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. वह 11 माह तक जेल में भी रहे हैं. कोर्ट ने लगभग छह करीब 6 साल तक लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद आज फैसला सुनाया है. जलेश्वर महतो को पराजित कर विधानसभा पहुंचे ढुल्लू एमएलए ढुल्लू महतो जमीन से जुड़े नेता हैं. अपने लगभग दो दशक के पॉलिटिकल कैरियर में उतार-चढ़ाव भी देखे हैं. ढुल्लू पहली बार पहली बार वर्ष 2004 में बाघमारा विधानसा क्षेत्र से तत्कालीन मिनिस्टर जलेश्वर महतो से पराजित हो गये थे. हलांकि ढुल्लू ने लगभग 27 हजार वोट लाकर चौंका दिया था. जलेश्वर जेडीयू व ढुल्लू समरेश सिंह की नेतृत्व वाली झारखंड वनांचल कांग्रेस से मैदान में थे. ढुल्लू दूसरी बार वर्ष 2009 में झारखंड विकास मोर्चा (प्र) के कैंडिडेट के रुप में बाघमारा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर झारखंड विधानसभा में पहुंचे. ढुल्लू वर्ष 2014 में झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले झाविमो को छोड़ बीजेपी में शामिल हुए. बीजेपी ने ढुल्लू को टिकट दिया और भारी मतों से बाघमारा विधानसभा क्षेत्र से दुबारा एमएलए चुने गये.