बिहार: बांगलादेशी बतख को वैशाली में परिदों ने मार गिराया, रिसर्च में हो रहा था पक्षी का यूज

  • डिवाइस लगे विदेशी पक्षी की  वन विभाग ने की जांच
  • पक्षी के पाकिस्‍तानी जासूसी संगठन आइएसआइ के होने का था शक
  पटना: बिहार के वैशाली जिले में गुरुवार को स्थानीय परिंदों द्वारा घेर कर मार गिराया गया डिवाइस वाला पक्षी जासूस नहीं बंगलादेशी पक्षी बतख था. वन विभाग के अधिकारियों ने जांच के बाद पक्षी को रिसर्च के लिए छोड़ा गया बांग्‍लादेशी बतख बताया है. जंच के बाद अब पक्षी के पाकिस्‍तान से आने वाले जासूस परिंदों होने की हो रही चर्चा पर विराम लग गया है. बाद वन विभाग ने जांच के बाद कहा है कि मारा गया पक्षी को बंगलादेशी का बतख प्रजाति का है. बंगलादेश में इस पक्षी में रिसर्च के लिए वर्ष 2009 में ट्रांसमीटर लगाया गया था. बंगलादेश को वर्ष 2009 की  एक मई से  पक्षी का पता नहीं चल रहा था. बंगालदेश को अभी पता चला कि बिहार के वैशाली में इसे पक्षियों ने मार गिराया है. पक्षी विशेषज्ञ का कहना है कि  किसी पक्षी के शरीर में ट्रांसमीटर या छल्ले जैसे उपकरण लगे दिखाई देते हैं तो उसके जासूस होने की आशंका होती है. सभी मामले में ऐसा नहीं होता. वैशाली में मिला पक्षी का उपयोग जासूसी में नहीं किया जा रहा था. बांग्‍लादेश का बतख प्रजाति का पक्षी था, जो शोध कार्य में सहायता कर रहा था. पक्षी एक देश से दूसरे देश तक भ्रमण करते रहते हैं. ये कब किस मौसम में कहां-कहां जाते हैं, प्रजनन कहां करते हैं और ये कहीं ‘बर्ड फ्लू’ जैसी बीमारियों के वाहक तो नहीं हैं, इन रिसर्च की  जानकारियों को प्राप्त करने के लिए इनके शरीर में ये डिवाइस लगाये जाते हैं. 10 साल पहले बांग्‍लादेश में लगाये गये थे डिवाइस बांग्लादेश पक्षी के शरीर में वर्ष 2009 में ये डिवाइस लगाये गये थे. वर्ष 2009 की एक मई दोपहर से इस पक्षी का  पता चलना बंद हो गया था. इसके पहले भी बिहार के किशनगंज में एक हंस प्रजाति के प्रवासी पक्षी ‘बार हेडेड गूज’ यानि ‘मोगली बतख’ में ट्रांसमीटर लगा पाया गया था. उल्लेखनीय है कि वैशाली के महनार पुलिस स्टेशन के हसनपुर गांव में बाहर से आये  एक पक्षी को गुरुवार को स्थानीय पक्षियों ने घेरकर मार गिराया था. पक्षियों के बीच आधे घंटे तक चली लड़ाई देखने के लिए भारी भीड़ लग गयी थी.  पक्षी के मरे के बाद जमीन पर गिरते ही उसे देखने गांव के लोग नजदीक पहुंचे तो  शरीर में डिवाइस लगी दिखी. पक्षी के पैर में पीतल का एक टैग भी था. लोगों ने मामले की सूचना महानार पुलिस को दी. महनार थानाध्यक्ष उदय शंकर मौके पर पहुंचे मृत पक्षी की बॉडी जांच व कार्रवाई के लिए  वन विभाग को सौंप दिया था. पक्षी के पाकिस्‍तानी जासूसी संगठन आइएसआइ या आतंकी संगठनों से जुड़े होने की आशंका जतायी जा रही थी. सीमा पार से इस प्रकार की डिवाइस लगे पक्षी पाकिस्तान से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर राजस्थान के जैसलमेर आदि जिलों में मिलते रहे हैं.