बिहार: छपरा में नाबालिग के साथ गैंगरेप, दो अरेस्ट, पीएमसीएच में डॉक्‍टरों ने तीन घंटे तक नहीं किया इलाज

छपरा : छपरा टाउन पुलिस स्टेशन एरिया के रौजा मोहल्ले में एक नाबालिग के साथ गैंगरेप कर उसके प्राइवेट पार्ट में लोहे का रॉड घुसेरे जाने की शर्मनाक घटना हुई है. परिजनों ने बेहोशी की हालत में पीड़ित को इलाज के लिए छपरा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने गंभीर हालत में बेहतर इलाज के लिए पीड़िता को पटना पीएमसीएच रेफर कर दिया. पुलिस गैंगरेप की शिकार लड़की के प्राइवेट पार्ट में रॉड डालने की घटना से इनकार कर रही है. मोहल्ले के लोगों का कहना है कि शनिवार दोपहर के समय नाबालिग रोते बिलखते अपने घर पहुंची. परिजन नाबालिग को खून से लथपथ हालत में देख कर घबरा गये. आनन-फानन में नाबालिग को इलाज के लिए जब सदर अस्पताल में लेकर पहुंचे . लड़की होश में आने पर घटना के बारे में परिजनों को जानकारी दी. सारण एसपी ने बताया कि पीड़िता की स्थिति खतरे से बाहर है. फिलहाल पीएमसीएच में इलाज चल रहा है . पुलिस इस मामले में दो आरोपियों सोनू व आतिश को अरेस्ट कर ली है. तीसरे आरोपी आइटीबीपी जवान की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार रेड कर रही है. पीएमसीएच में डॉक्टरों ने की लापरवाही पटना के पीएमसीएच में शर्मनाक पहलुदेखने को मिला.पीएमसीएच के डॉक्‍टरों ने बुरी तरह घायल लड़की का तत्‍काल इलाज करने से इनकार कर दिया. वे इलाज के पहले एफआइआर की कॉपी के लिए अड़ गये. परिजनों ने बार-बार आगह किया कि एफआइआर कॉपी आ ही जायेगी, इलाज तो शुरू कीजिए, लेकिन वे नहीं माने. मामला मीडिया में जाने के बाद डॉक्‍टरों को सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन याद आई और इलाज शुरू हुआ. पटना मेडिकल कॉलेज एम़ हॉस्पीटल(PMCH) के डॉक्‍टरों ने बुरी तरह घायल लड़की का तब तक इलाज करने से तत्‍काल शुरू करना है इलाज दुर्घटना या अपराध के मामलों में डॉक्‍टरों को तत्‍काल इलाज आरंभ करना है. पुलिस औपचारिकताओं के पूरे होने होने के नाम पर इलाज को नहीं रोकना है. पीएमसीएच में डॉक्टरों ने इस मामले में पुलिस औपचारिकता के नाम पर तीन घंटे तक इलाज शुरू नहीं किया. जब दबाव बढ़ा तो इलाज शुरू किया.