बिहार: सारण में क्रिमिनलों ने SI और कांस्टेबल की मर्डर कर एके-47 लूटा, DGP ने कहा- कायराना हरकत का जवाब देंगे

सारण: क्रिमिनलों द्वारा सारण जिले के मढ़ौरा में मंगलवार की शाम एसआईटी के सब इंस्पेक्टर मिथिलेश कुमार साह व कांस्टेबल फारुक की मर्डर करने के बाद एके-47 रायफल और सर्विस पिस्टल लूट लिया. क्रिमिनलों ने इस कांड को अंजाम देकर पुलिस को चुनौती दी है. डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय भी बुधावर को सा्रण पहुंच मामले की छानबीन की. डीजीपी ने एसआईटी के सब इंस्पेक्टर मिथिलेश और सिपाही फारुक के पार्थिव शरीर को सलामी दी. शहीद हुए एसआईटी इंचार्ज मिथिलेश शाह और कांस्टेबल अफरोज को पुलिस लाइन में श्रद्धांजलि दी गई. डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय, डीआईजी विजय कुमार, एसपी हरकिशोर राय समेत कई अफसर व बड़ी संख्या में पुलिस जवानों ने श्रद्धांजलि दी. अफसरों ने शहीद जवानों के परिजनों को ढाढस बंधाया. अपराधियों की ये कायराना हरकत, देंगे जवाब: डीजीपी डीजीपी ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए अपराधियों की इस हरकत को कायराना बताया है. डीजीपी ने कहा है कि इस घटना का हम जवाब देंगे और एक-एक को कड़ी सजा दी जायेगी. सिस्टम क्या चीज है यह बहुत जल्द पता चल जायेगा. कानून किसी को नहीं छोड़ेगी. पुलिस को जाति, धर्म से ऊपर उठकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. डीजीपी ने कहा कि राज्य में लाइसेंसी आर्म्स का क्राइम में इस्तेमाल हो रहा है. इस कांड में भी लाइसेंसी आर्म्स का इस्तेमाल हुआ है. बिहार लाइसेंसधारी सभी आर्म्स की जांच कराई जायेगी. गलत इस्तेमाल होने नाले आर्म्स का लाइसेंस कैंसिल किया जायेगा. नागालैंड समेत अन्य प्रांतों से जाली दस्तावेज के आधार पर हथियार उपलब्ध कराये गये हैं. इसके लिए भी पुलिस अफसरों की टीम गठित की जाएगी जो दस्तावेजों की जांच करेगी. शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों ने की सीबीआइ जांच की मांग शहीद सब इंस्पेक्टर मिथिलेश मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है. परिजनों को आशंका है कि मंगलवार की शाम पुलिस की क्रिमिनलों से इनकाउंटर किसी साजिश का हिस्सा भी हो सकता है.शहीद मिथिलेश के भाई ने कहा कि देश और राज्य की सेवा गौरव की बात है. लेकिन जिस तरीके से उनके भाई की हत्या हुई है उससे साज़िश की बू आ रही है. देर रात किया गया शवों का पोस्टमार्टम जिले के मढौरा थाना क्षेत्र के एलआइसी ऑफिस के पास अपराधियों की गोली से शहीद हुए दरोगा समेत दो पुलिसकर्मियों के शवों का मंगलवार की आधी रात बाद डीएम के आदेश के बाद पोस्टमार्टम हुआ. सब इंस्पेक्टर मिथिलेश कुमार साह को तीन गोली मारी गयी थी. कांस्टेबल फारुक को एक गोली लगी थी. मढौरा बाजार स्थित एलआइसी ऑफिस के सामने मंगलवार की शाम स्कार्पियो सवार क्रिमिनलों ने एसआइटी (स्पेशल टास्क फोर्स) पर फायरिंग कर दी. पुलिस को संभलने तक का मौका नहीं मिल सका. क्रिमिनल पहले से घात लगाये बैठे थे. क्रिमिनलों की फायरिंग में सब इंस्पेक्टर मिथिलेश कुमार व कांस्टेबल फारूख अंसारी की घटनास्थल पर ही मौत हो गई. घटना में गंभीर रूप से घायल रजनीश कुमार को बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच पटना भेजा गया है. शहीद मिथिलेश भोजपुर के पिरौंटा पंचायत के नागोपुर के रहने वाले थे. उनका परिवार पुरानी पुलिस लाइन के पास रहता है्. शहीद कांस्टेबल फारूख अंसारी का पैतृक घर सहरसा जिले में है. प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि क्रिमिनलों ने सब इंस्पेक्टर मिथिलेश कुमार को पहचान लिया था. मिथिलेश पहले से ही क्रिमिनलों के टारगेट में थे. मिथिलेश की पहचान जिले के तेजतर्रार सब इंस्पेक्टर के रुप में थी. मिथिलेश ने सीवान व सारण जिलों में कई क्रिमिनलों के छक्के छुड़ाये थे. डीआइजी विजय कुमार वर्मा व एसपी हरकिशोर राय घटना की खबर पाकर रात को ही मौके पर पहुंच गये. पुलिस मौके से चार खोखा व क्रिमिनलों का एक पिस्टल बरामद की है. आशंका है कि एसआइटी के मूवमेंट की पूरी जानकारी क्रिमिनलों को थी. क्रिमिनल दो स्कार्पियो पर सवार थे. एक गाड़ी पर सवार क्रिमिनलों ने ओवरटेक कर पुलिस बोलेरो को आगे से घेर फायरिंग शुरू कर दी. स्कार्पियो पर सवार बदमाशों ने बोलेरो पर पीछे से फायरिंग की. दोनों स्कार्पियो मढ़ौरा से छपरा की ओर आ रही थी. डीआइजी विजय कुमार वर्मा का कहना है कि किसी बड़े क्राइम की घटना को अंजाम देने की सूचना के आधार पर एसआइटी का मूवमेंट था. एसआइटी की टीम एलआइसी ऑफिस के सामने पहुंची, तभी दो स्कार्पियो पर सवार क्रिमिनलों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी. क्रिमिनल लगभग 10 मिनट तक फायरिंग करते रहे.। पुलिसकर्मी अभी पोजीशन भी नहीं ले पाये थे कि हमला हो गया. सूत्रों का कहना है कि घटना को नट गिरोह के द्वारा अंजाम दिये जाने की आशंका है. हालांकि पुलिस अभी इस पर कुछ नहीं बोल रही है. जि प्रकार से घटना को अंजाम दिया गया है, उससे इस बात की आशंका है कि कोई दूसरा गिरोह भी वारदात को अंजाम दे सकता है.एसआइटी के मिथिलेश कुमार नट गैंग के टारगेट पर थे. मिथिलेश द्वाराहाल के वर्षों में नट गैंग के कई कुख्यात क्रिमिनलों को दबोच कर जेल भेजा गया था. Attachments area