बिहार: केंद्र प्रायोजित योजनाएं बंद हों,आर्टिकल 370 हटाने, समान नागरिक संहिता थोपने के पक्ष में नहीं:नीतीश

राम मंदिर निर्माण का आधार अदालती फैसला या आम सहमति हो पटना: बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने ने स्पष्ट किया है कि वह कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के पक्ष में नहीं हैं. इसी तरह समान नागरिक संहिता भी थोपी नहीं जानी चाहिए.राज्यों में केंद्र प्रायोजित योजनाएं बंद होनी चाहिए. नीतिश सोमवार को पटना में सोमवार को आयोजित ‘लोक संवाद’ के बाद मीडिया से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी शुरू से ही आर्टिकल 370 हटाए जाने के पक्ष में नहीं है. हमारा मानना है कि राम मंदिर का निर्माण अदालत के निर्णय से या लोगों की सहमति से होना चाहिए. मैं समान नागरिक संहिता को थोपे जाने के पक्ष में भी नहीं हूं.नीतीश ने केंद्र द्वारा प्रायोजित योजनाओं को बंद किए जाने की वकालत करते हुए कहा कि इसके स्थान पर सेंट्रल सेक्टर स्कीम चलाई जानी चाहिए यानि केंद्र सरकार देश में अगर कोई योजना चलाना चाहती है तो वह उसकी योजना हो. उन्होंने कहा कि हम लोगों ने इन बातों को वित्त आयोग के समक्ष रखने के साथ एनडीए की भी बैठक के दौरान रखा है. हर राज्य की अपनी-अपनी योजना' की वकालत करते हुए नीतीश ने कहा कि 'जब हम केंद्र सरकार में थे तो उस समय भी मैंने केंद्र द्वारा प्रायोजित योजनाओं की संख्या को घटाने में अपनी भूमिका निभाई थी.राज्य के पिछडेपन को दूर करने के लिए अगले पांच सालों के दौरान पहल की जानी चाहिए ताकि पिछड़े राज्य भी विकसित राज्यों की श्रेणी में आ जाये. सीएम ने केन्द्र सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होने से संबंधित प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि इस संबंध में हम पहले ही जवाब दे चुके हैं. कहीं कोई समस्या नहीं है. बिहार के विकास के लिए, बिहार के हित के लिए किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं आएगी, मुझे ऐसा पूरा भरोसा है.केन्द्र द्वारा पहले ही बहुत योजनाओं को मंजूरी दी गई है उसका क्रियान्वयन किया जा रहा है. जब भी केन्द्र के प्रतिनिधियों से बातचीत होती है उसका सदुपयोग हमलोग बिहार के हित के लिए करते है. नीति आयोग की बैठक में हमलोग बिहार के विकास के संबंध में अपनी बातें रखेंगे.सीएम ने बिहार को विशेष राज्य के दर्जे के संबंध में कहा कि 14वें वित्त आयोग ने अपने एक वाक्य से इसे खारिज कर दिया था. लेकिन 15वें वित्त आयोग के सामने बिहार एनडीए के तीनों घटक दलों ने अपनी बात रखी है. अगले पांच वर्षो में बिहार को विकसित राज्य की श्रेणी में लाने के लिए हम लोग काम करेंगे.विपक्षी महागठबंधन के आरोपों पर नीतीश कुमार ने कहा कि न हम उनकी आलोचनाओं पर पहले ध्यान देते थे और न ही आज ध्यान दे रहे हैं. लोकसभा चुनाव के पहले से ही विरोधियों द्वारा मेरे बारे में कई बातें कही जाती थी, मैं उस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देता था.'लोकसभा चुनाव के दौरान जनता के बीच हमलोगों ने अपनी बातों को रखा, हमने 171 मीटिंग की. जनता ने अपना रिस्पांस दिया और जनता ने उन्हें कहां पहुंचाया आप सब जानते हैं. मतदान के बाद और चुनाव परिणाम आने के बाद आप सब के प्रश्नों का मैंने जवाब दिया है. अब इन प्रश्नों का कोई मतलब नहीं है. बिहार की जनता ने काम के आधार पर हमलोगों को अपना समर्थन दिया है. हमलोग चुनाव के बाद फिर से लोगों की सेवा में लग गये हैं. बिहार में NDA में ऑल इज वेल, BJP के साथ कोई मतभेद नहीं नीतीश कुमार ने कहा कि बीजेपी के साथ हमारा कोई मतभेद नहीं है और बिहार में एनडीए में सबकुछ ठीक है. हर पार्टी की अपनी-अपनी सोच है. हमारा जैसा पहले संबंध था वैसा ही मजबूत संबंध आज भी है. बिहार में एनडीए में सबकुछ ठीक है. सीएम ने गिरिराज सिंह के बयानों पर कहा कि चुनाव में जनता अपना फैसला सुना चुकी है. हमने बुनियाद और विचार से ना कभी समझौता किया है और ना ही करेंगे. सूखे और लॉ एंड ऑर्डर की हमें चिंता है और 25 जून को हम दोबारा इस मुद्दे को देखेंगे.नीतीश ने कहा कि नीति आयोग की बैठक में हम शामिल होंगे. विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर हम आज भी कायम हैं और इस मुद्दे को फिर से उठाएंगे. प्रशांत किशोर मामले पर सीएम नीतीश ने कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं है.एईएस से मुजफ्फरपुर जिले में हो रही बच्चों की मौत पर सीएम ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग इस पूरे मामले पर नजर रख रहा है. बरसात से पहले ये बीमारी हर साल बिहार में कहर बरपा रही है. इसकी पूरी जांच की जा रही है। लोगों को इस बीमारी को लेकर जागरूक कराना होगा. हर साल बच्चे काल की गाल में समा जा रहे हैं. ये चिंता का विषय है. सीएम ने आज लोक संवाद में राजस्व एवं भूमि सुधार, मद्य निषेध, उत्पाद और निबंधन शिक्षा, गृह विभाग, समाज कल्याण, सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित सुझाव लिया.सीएम के साथ कई विभाग के मंत्री और आलाधिकारी मौजूद थे.