बिहार: प्रति व्यक्ति आय कम होने के बावजूद बिहार का सबसे ज्यादा ग्रोथ रेट : CM

  • बैंकिंग एजुकेसन सिलेबस में शामिल होगी
  • बैंक हमलोगों की बात को सुनता ही नहीं
पटना: सीएम नीतीश कुमार ने दावा किया कि बिहार में प्रति व्यक्ति आय सबसे कम होने के बावजूद देश में सबसे ज्यादा ग्रोथ रेट है.बिहार में व्यापार में वृद्धि हुई है. पहले बिहार का बजट 25 करोड़ का होता था,अब बढ़ कर दो लाख करोड़ का हो गया है.सीएम गुरुवाार को पटना में राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति (SLBC)की 69वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे.पटना के होटल मौर्यालोक में गुरुवार आयोजित SLBC की बैठक में सीएम नीतीश कुमार, डिप्टी सुशील मोदी समेत अन्य मंत्रियों के अलावा आरबीआइ के डिप्टी गर्वनर एमके जैन शामिल थे. सीएम ने बैंकों पर लोन देने में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए कहा कि बैंक हमलोगों की बात को सुनता ही नहीं है.सीएम ने विशेष राज्य का दर्जा का भी मुद्दा उठाया और कहा कि बैंकिंग शिक्षा को बिहार के कोर्सों में शामिल किया जायेगा.सीएम ने कहा कि लोगों को बैंक पर काफी भरोसा है और बैंकों पर भी लोगों के प्रति महत्वपूर्ण दायित्व है लेकिन बैंक अपनी कसौटी पर खरा नहीं उतर रहा है.मैं हर साल राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में शामिल होता हूं और अपनी बातों को रखता हूं.बैंक हमलोगों की बात को सुनता ही नहीं है.एजुकेशन लोन के मामले में बैंक कोताही हमेशा सामने आती है.छात्रों को समय पर लोन नहीं मिलता है. सीएम ने बैंकों की सुरक्षा पर कहा कि बैंकों को भी भरोसा करना होगा और बैंकों की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है.उन्होंने कहा कि इन दिनों बड़ी राशि की भी लूट की घटनाएं सामने आती हैं.इससे बचने के लिए बैंकों को भी सतर्कता बरती होगी.वे राशि को एक-दूसरे जगह ले जाने से पहले लोकल पुलिस स्टेशन को इसकी सूचना दें.नीतिश ने बिहार में बड़ी फैक्टरी लगाये जाने पर कहा कि बिहार में जमीन की कमी है. इस कारण बड़ी निजी फैक्टरी लगाना मुश्किल है. आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एमके जैन ने कहा है कि बिहार ने पिछले 10 सालों में काफी प्रगति की है.बिहार के 65 फीसदी गांवों में डिजिटाइजेशन हो चुका है.उन्होंने कहा कि कृषि क्रेडिट के हिसाब से देश में बिहार 12वें स्थान पर है.कृषि क्रेडिट में वृद्धि की जरूरत है.उन्होंने कहा कि जमुई की एसबीआई की सभी ब्रांच डिजीटल होंगी.उल्लेखनीय है कि फाइननेंसियल इयर 2019-20 में बैंकों द्वारा एक लाख 45 हजार करोड़ रुपये का लोन वितरित किया जाना है.