यूपी: सीएम योगी का भ्रष्टाचार तथा कार्य में शिथिलता पर बड़ा एक्शन, सात पीपीएस अफसर को VRS

लखनऊ:यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार तथा कार्य में शिथिलता पर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ गर्वमेंट ने कड़ा एक्शन लिया है. सात पीपीएस अफसरों को वीआरएस दे दिया गया है. डीएसपी लेवल के इन अफसरों के खिलाफ शिथिलता व भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. सीएम के निर्देश पर डीजीपी ओपी सिंह ने स्टेट कैंडर के सात डीएसपी व व सहायक सेनानाय कों वीआरएस दे दिया है. डीजीपी ने वित्तीय हस्तपुस्तिका खण्ड-2, भाग-2 से 4 तक में दिएये गये अद्यावधिक संशोधित फण्डामेंटल रूल, 56 के खण्ड (सी) के अधिकारों के अन्तर्गत सरकारी सेवाओं में दक्षता सुनिश्चित करने के लिए डीएसपी व व सहायक सेनानायकों (जिनकी उम्र 31-03-2019 को 50 वर्ष अथवा इससे अधिक थी) को अनिवार्य सेवानिवृत्त करने की स्क्रीनिंग कमेटी की रिपोर्ट पर शासन ने फैसला लेते हुए उन्हें अनवार्य सेवानिवृत्त प्रदान की है. इनके खिलाफ जांच में गंभीर मामले सामने आये हैं. इन अफसरों की उम्र 50 व इससे अधिक थी. गर्वमेंट ने स्क्रीनिंग कमेटी की रिपोर्ट पर निर्णय लेते हुए इन अफसरों को सेवानिवृत्ति दे दी है. पीपीएस अफसरों में 15वीं वाहिनी पीएसी आगरा के सहायक सेनानायक अरुण कुमार, अयोध्या के एसपी विनोद कुमार राना, आगरा के एसपी नरेंद्र सिंह राना, 33वीं वाहिनी पीएसी झांसी के सहायक सेनानायक रतन कुमार यादव, 27वीं वाहिनी पीएसी सीतापुर के सहायक सेनानायक तेजवीर सिंह यादव, मुरादाबाद के मण्डलाधिकारी संतोष कुमार सिंह, 30वीं वाहिनी पीएसी गोण्डा के सहायक सेनानायक तनवीर अहमद खां को अनिवार्य सेवानिवृत्ति प्रदान की गई है. इन सभी की आयु 50 वर्ष से अधिक है और इनके ऊपर कार्य में शिथिलता तथा अन्य कई आरोप लगे हैं. सीएमन ने पिछले दो वर्ष में 600 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की है. इनमें से 200 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों को जबरन रिटायर किया गया है. 400 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों को वृहद दंड दिया गया है. सरकारी के प्रवक्ता का कहना है कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने पिछले दो वर्ष के दौरान भ्रष्टाचार के खिलाफ जो कार्रवाई की है, वो देश में अब तक किसी भी प्रदेश सरकार के उठाये गये कदम से बहुत बड़ी है..राज्य सरकार ने 200 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों को जबरन रिटायरमेंट दिया है. सौ से अधिक अधिकारी अभी भी सरकार के रडार पर हैं. इनके खिलाफ भी शीघ्र ही कार्रवाई की जायेगी. गर्वमेंट ने 16 नवंबर 2017 को 50 साल से अधिक उम्र के दागदार अधिकारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन डीएसपी समेत 16 अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया था. योगी आदित्यनाथ सरकार जीरो टालरेंस पर काम कर रही है. ऊर्जा विभाग में 169 अधिकारियों, गृह विभाग के 51 अधिकारियों, ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के 37 अधिकारियों, राजस्व विभाग के 36 अधिकारियों, बेसिक शिक्षा के 26 अधिकारियों, पंचायतीराज के 25 अधिकारियों, पीडब्ल्यूडी के 18 अधिकारियों, लेबर डिपार्टमेंट के 16 अधिकारियों, संस्थागत वित्त विभाग के 16 अधिकारियों, कामर्शियल टैक्स के 16 अधिकारियों, इंटरटेनमेंट टैक्स डिपार्टमेंट के 16 अधिकारियों, ग्राम्य विकास के 15 अधिकारियों, वन विभाग के 11 अधिकारियों पर कार्रवाई की जा चुकी है.