रांची: कोल स्मगलिंग रोकने, रेवन्यू बढ़ाने और क्राइम कम करने के लिए बीसीसीएल, सीसीएल, ईसीएल, इनकम टैक्स समेत अन्य डिपार्टमेंट मिलकर काम करें: चीफ सेकरेटरी

  • पारदर्शिता लाने पर कोयला चोरी, खनिजों से अवैध कमाई की होगी रोकथाम
  • सीएस ने दो वर्षों से सूचनाओं को साझा नहीं करने पर जताई नाराजगी
रांची: चीफ सेकरेटी डा. डीके तिवारी ने रांची के प्रोजेक्ट भवन में झारखंड माइंस एंड मिनरल मैनेजमेंट सिस्टम (जिम्स) के केंद्रीय एवं राज्य के विभागों, उपक्रमों के ऑनलाइन इंटीग्रेशन से संबंधित बैठक की. बैठक में सीएस डॉ. डीके तिवारी ने केंद्र सरकार के उपक्रम बीसीसीएल, सीसीएल, ईसीएल, आयकर विभाग, भारतीय विशिष्ट पहचान पत्र (आधार), खनन विभाग, वन एवं पर्यावरण विभाग, वाणिज्य कर विभाग, परिवहन विभाग, राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद को मिलकर काम करते हुए पारदर्शिता अपनाने पर बल दिया. उन्हें ससमय अपने-अपने पोर्टल के माध्यम से खनन विभाग के साथ ऑनलाइन सूचना साझा करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि पारदर्शिता लाने पर राज्य में कोयला चोरी व खनिजों से अवैध कमाई की रोकथाम की जा सकेगी. चीफ सेकरेटरी ने खनन विभाग द्वारा राज्य और केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों और उपक्रमों द्वारा सूचनाओं को साझा करने का सिस्टम अपनाने के लिए दो वर्षों से किये जा रहे प्रयासों के बावजूद ऐसा अभी तक नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए इसे दुखद बताया. उन्होंने संबंधित विभागों व कंपनियों को ससमय ऑनलाइन सूचना साझा करने के लिए समयसीमा भी तय की और सचिवों को अपनी साप्ताहिक बैठक में इसकी मॉनिटरिंग करते रहने का निर्देश दिया. सीएस ने कहा कि ऑनलाइन इंटीग्रेशन से जहां कार्यों में पारदर्शिता आएगी, वहीं खनन, खनिज परिवहन, वाणिज्य कर समेत तमाम मामलों में लीकेज रुकेगी और जवाबदेही तय होगी. इससे कोयला स्मगलिंग के रैकेट पर अंकुश लगेगा साथ ही इससे जुड़ा अपराध भी थमेगा. वन एवं पर्यावरण विभाग ने खनन विभाग के साथ ऑनलाइन इंटीग्रेशन दो माह में करने की बात कही. वाणिज्य कर विभाग ने इस प्रक्रिया को अपनाने में कतिपय परेशानियों का हवाला देते हुए थोड़ा समय लगने की बात कही. सीएस ने सभी समस्याओं को दूर कर वाणिज्य कर विभाग को दो माह के भीतर प्रक्रिया में शामिल होने का निर्देश दिया. सीएस ने खनन विभाग को स्टेक होल्डरों का बैंक अकाउंट ऑनलाइन परफार्मा में जोड़ने का निर्देश दिया. कोल कंपनियों को निर्देश दिया कि वे कोलनेट पर दर्ज होनेवाली राज्य से जुड़ी सूचनाएं 30 जून तक साक्षा करना शुरू करें. जब तक खनन विभाग से ऑनलाइन इंटीग्रेशन नहीं हो पा रहा है, तब तक सूचनाएं मेल के माध्यम से उपलब्ध करायें.