झारखंड:बाबूलाल मरांडी बने BJP विधायक दल के नेता,सर्वसम्मति से हुआ चयन,नेता प्रतिपक्ष भी होंगे

रांची। झारखंड के एक्स सीएम बाबूलाल मरांडी बीजेपी विधायकल दल के नेचा चुने गये हैं। बीजेपी प्रदेश कार्यालय में सोमवार को पार्टी विधायक दल की हुई बैठक में सर्वसम्मति से बाबूलाल को नेता चुना गया। बाबूलाल मरांडी झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बन होंगे।भाजपा विधायक दल की बैठक में एमएलए अनंत ओझा ने बाबूलाल के नाम का प्रस्ताव रखा। एमएलए बिरंची नारायण, केदार हाजरा और नीलकंठ सिंह मुंडा ने समर्थन किया। मौके पर बाबूलाल मरांडी ने कहा, मैं कहीं गया नहीं था। बाहर हम संघर्ष करते रहे। फिर से परिवार में आएं हैं, आपका सहयोग बना रहे वही हमारी ताकत होगी। बैठक में विधायक दल के नेता के चयन के बाद विधायकों ने भारत माता की जय के नारे लगाये। बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर राष्ट्रीय महामंत्री पी मुरलीधर राव, भाजपा महासिचव मंत्री अरुण सिंह और प्रदेश प्रभारी ओम माथुर मौजूद थे। झारखंड विकास मोर्चा का भाजपा में विलय के बाद से ही बाबूलाल को बीजेपी विधायक दल का नेता बनाये जाने के कयास लग रहे थे। भाजपा विधायक दल की इस बैठक के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मुरलीधर राव को केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर नियुक्त किया था। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह ने बाबूलाल मरांडी के नाम का विधायक दल के नेता के तौर पर एलान किया। अब बाबूलाल समेत अब भाजपा के कुल 26 विधायक हो गये हैं। जिला भाजपा अध्यक्ष के मनोनयन के पांच कमेटियां बनी बीजेपी ने जिला अध्यक्षों के मनोनयन के लिए पांच प्रमंडलीय कमेटियां बनाई है। सभी कमेटियां में चार-चार लोगों को शामिल किया गया है। इनमें प्रदेश भाजपा पदाधिकारी के अलावा सांसद, विधायक और पूर्व विधायक भी शामिल हैं। सभी नेताओं को अपने प्रमंडल से बाहर के जिलों की जिम्मेवारी सौंपी गई है। विधायक दल की बैठक में भाजपा के नये प्रदेश अध्यक्ष को लेकर भी अहम चर्चा हुई। सभी विधायकों से अध्यक्ष के मसले पर रायशुमारी की गई है। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव सह राज्यसभा सांसद अरुण सिंह ने प्रेस कांफ्रेस में कहा कि सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से बाबूलाल मरांडी को विधायक दल का नेता चुना है। बाबूलाल मरांडी अनुभवी और सरल नेता है। झारखंड के पहले मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल को आज भी याद किया जाता है। उन्होंने कहा कि झारखंड में गठबंधन की सरकार बनी है। कुछ ही महीनों में सरकार के खिलाफ जनआक्रोश दिख रहा है। नक्सली समस्या लगातार बढ़ रही है। गठबंधन की सरकार बनने के बाद अबतक 20 से अधिक नक्सली घटनाएं हो चुकी है। उन्होंने कहा कि धन न होने की बात कह वर्तमान सरकार बचाव की मुद्रा में दिख रही है। पूर्व की कल्याणकारी योजनाओं को बंद करने का लगाया आरोप अरुण सिंह ने कहा कि जो कल्याणकारी योजनाएं प्रदेश में रघुवर सरकार के समय से चल रहे थे, उन योजनाओं को बंद करने का काम हेमंत सरकार कर रही है। प्रदेश में जनता की समस्याओं को लेकर संघर्ष की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमलोगों ने सोचा था कि एक दो साल बाद सरकार हमें संघर्ष का मौका देगी लेकिन जिस प्रकार का कुशासन हेमंत सरकार चला रही है, ऐसे में सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाना, विधानसभा में कार्यशैली पर सवाल करना जरुरी हो गया है। इसका नेतृत्व बाबूलाल मरांडी सदन में करेंगे। बाबूलाल मरांडी के भाजपा में आने से सभी को खुशी है और पार्टी की ताकत बढ़ी है। उन्होंने कहा कि पार्टी की ओर से स्पीकर को निवार्चन की सूचना पत्र के माध्यम से दी जायेगी। उल्लेखनीय है कि होम मिनिस्टर अमित शाह की उपस्थिति में मरांडी ने 17 फरवरी को अपनी पार्टी झाविमो का भाजपा में विलय कराते हुए खुद शामिल हुए थे। सीएम रघुवर दास ने बाबूलाल को विधायक दल के नेता एवं प्रतिपक्ष नेता के पद पर सर्वसम्मति से चयन किए जाने पर बधाई। रघुवर ने कहा है कि वे कुशल नेता, प्रखर वक्ता और सुलझे हुए प्रशासक हैं। सदन और सदन के बाहर राज्य हित से जुड़े मुद्दों पर उनकी भूमिका अहम रहेगी। बाबूलाल ने खोला अपना नया ट्विटर अकाउंट एक्स सीएम बाबूलाल मरांडी ने बीजेपी में शामिल होने के बाद नया ट्विटर एकाउंट खोला है। इसके प्रोफाइल में मरांडी ने भाजपा में शामिल होने के मौके पर पार्टी नेताओं के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने वाली फोटो लगाई गई है।पहले बाबूलाल मरांडी के ट्विटर एकाउंट झारखंड विकास मोर्चा (प्रो) के प्रमुख के रूप में था। अब भाजपा नेता के रूप में है। उन्होंने ट्विटर के माध्यम से झारखंड मुक्ति मोर्चा गठबंधन सरकार के नेता हेमंत सोरेन पर हमला बोलना भी शुरू कर दिया है। झारखंड में लगातार खराब हो रहे विधि व्यवस्था को लेकर सरकार को घेरा है। 15 नवंबर, 2000 को झारखंड अलग राज्य बनने के बाद बाबूलाल मरांडी मुख्यमंत्री बने थे। भाजपा ने अपने आदिवासी नेता मरांडी को मुख्यमंत्री बनाया। वह वर्ष2003 तक मरांडी मुख्यमंत्री रहे। बाबूलाल ने वर्ष 2006 में बीजेपी छोड़ने के बाद जेविएम नामक अलग पार्टी बना ली थी।