झारखंड:अलकायदा का मोस्ट वांटेंड आतंकी मो कलीमुद्दीन मुजाहिरी गिरफ्तार,Jharkhand ATS ने जमशेदपुर रेलवे स्टेशन से दबोचा

रांची:झारखंड एटीएस ने प्रतिबंधित आंतकी संगठन अलकायदा के मोस्ट वांडेट आतंकी मो कलीमुद्दीन मुजाहिरी तो अरेस्ट किया है.कलीमुद्दीन को जमशेदपुर रेलवे स्टेशन से शनिवार को पकड़ा गया है.एडीजी (ऑपरेशन) मुरारी लाल मीणा व एटीएस एसपी ए विजयालक्ष्मी ने प्रेस कांफ्रेस में यह जानकारी दी. एडीजी ने बताया कि कलीमुद्दीन का मुख्य काम झारखंड में स्लीपर सेल तैयार करना और जिहाद के लिए लोगों को तैयार करना था.वह जिहाद के लिए लोगों का ब्रेन वॉश करता था और उन्हें तैयार करता था.मूलत: यह रांची के चान्हो के राड़गांव का गांव का रहने वाला है.कलीमुद्दीन फिलहाल जमशेदपुरके आजाद नगर में ठिकाना बनाया हुआ था.आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त होने की वजह से वांटेड था और तीन साल से फरार था.वह एक मदरसे में रह रहा था और जिहाद के लिए युवाओं को तैयार करता था.यह तिहाड़ जेल में बंद आतंकवादी आंतकी अब्दुल रहमान उर्फ कटकी, अब्दुल सामी,जीशान हैदर सहित अन्य आतंकी का यह मुख्य सहयोगी है. बड़ी घटना को आंजाम देने की थी प्लानिंग बताया जाता है कि मोस्ट वांटेड आतंकी कलीमुद्दीन स्लीपर सेल की सहायता से देश को दहलाने वाले किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में था.झारखंड एटीएस उससे अज्ञात स्थान पर रखकर कड़ाई से पूछताछ कर रही है. वह भारत में अलकायदा के लिए सक्रिय आतंकवादी के रूप में काम कर रहा था.वह देश के युवाओं को जेहाद के लिए तैयार करके पाकिस्तान में जेहादी ट्रेनिंग कैंपों में ट्रेनिंग के लिए भेजता था.अलकायदा से जुड़े इस खूंखार आतंकी का पूरा नाम मौलाना कलीमुद्दीन मुजाहिरी,पिता- मो फारुख बताया है.यह लंबे समय वर्ष 2001 से ही आतंकी संगठन अलकायदा से जुड़ा हुआ है. सुरक्षा एजेंसियों को वर्ष 2016 से ही अलकायदा के इस खूंखार आतंकी की तलाश थी.पिछले तीन साल से यह आतंकी अपना ठिकाना और अपनी पहचान बदलकर लगातार खुफिया एजेंसी को चकमा दे रहा था. यह आतंकी संगठन में काफी बड़े ओहदे पर काम कर रहा था.देशभर की पुलिस के साथ ही एनआइए को भी इस आतंकी की लंबे अरसे से तलाश थी.वह वर्ष 2001 में अलकायदा से जुड़ा था.कलीमुद्दीन को अलकायदा के ईस्टर्न इंडिया जोन का प्रभारी बनाया गया था.जिहाद की मानसिकता रखने वाले लोगों को चिह्नित कर अपने पास बुलवाकर अलकायदा आतंकी संगठन से जोड़ना इसका मुख्य काम था.जमशेदपुर के बिष्टुपुर पुलिस स्टेशन में इसके खिलाफ वर्ष 2016 की 25 जनवरी को केस नंबर 21/16 में आर्म्स एक्ट,सीएलए एक्ट और यूएपीए एक्ट के तहत एफआइआर दर्ज किया गया था.आतंकवादी संगठन अलकायदा से जुड़ने,आतंकी संगठन का विस्तार करने, जिहाद के लिए युवाओं को भड़काने और देशद्रोह का आरोप है.मोहम्मद कलीमुद्दीन के घर कुर्की जब्ती भी की जा चुकी है.कीलमुद्दीन सऊदी अरब, बांग्लादेश और अफ्रीका समेत कई देशों का भ्रमण कर चुका है.मोस्ट वांटेड आतंकवादी मोहम्मद कलीमउद्दीन प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन अलकायदा के सक्रिय आतंकवादी मोहम्मद अब्दुल रहमान अली उर्फ कटकी जो वर्तमान में तिहाड़ जेल दिल्ली में बंद है उसका सहयोगी है.कटकी के अलावा अब्दुल सामी,अहमद मसूद,राजू उर्फ नसीम अख्तर और जीशान हैदर का सहयोगी रहा है. अलकायदा के खूंखार आतंकी मौलाना कलीमुद्दीन और उसका बेटा हुफैजा के बारे में जमशेदपुर के आजादनगर के लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं है.कई बार इंटेलिजेंस ब्यूरो की स्पेशल टीम कलीमुद्दीन का क्राइम रिकॉर्ड खंगलाने जमशेदपुर आयी थी.कलीमुद्दीन का जमशेदपुर के मानगो में जवाहरनगर रोड नंबर 12, मुर्दा मैदान के पास स्थित घर हमेशा बंद ही रहता है.अगल-बगल के लोग भी उसके बारे में बहुत कुछ नहीं जानते.कलीमुद्दीन अपने विदेशी आतंकी आकाओंके कहने पर झारखंड में भटके युवकों अलकायदा से जोड़ने में लगा था. पहले मदरसा चलाता था कलीमुद्दीन अलकायदा आंतकी मौलाना कलीमुद्दीन पहले जमशेदपुर के मानगो इलाके के जवाहरनगर रोड नंबर 12 निवासी मदरसा चलाता था.वह अपने घर पर जामिया मोहम्मद पी बिन अब्दुल्ला नाम से मदरसा चलाता था. मदरसा का प्रिंसिपल भी मौलाना कलीमुद्दीन ही था.जब झारखंड एटीएस ने मौलाना कलीमुद्दीन के घर की 16 सितंबर 2017 को कुर्की की,उससे पहले ही मौलाना कलीमुद्दीन अपने पुत्र फैजाना के साथ सउदी अरब भाग गया. जमशेदपुर पुलिस वर्ष 2016 की एक फरवरी को कस्टडी में लिया था.अलकायदा आतंकी मौलाना कलीमुद्दीन और उसका बेटा हुफैजा एक वर्ष फरवरी 2016 को जमशेदपुर पुलिस के हाथ लगा था. कलीमुद्दीन ने मानवाधिकार आयोग को पुलिस प्रताड़ना की शिकायत की थी.मौलाना ने प्रधानमंत्री तक को चिट्ठी लिखी थी.मानवाधिकार आयोग के हस्तक्षेप के चलते जमशेदपुर पुलिस ने उसे छोड़ दिया. इसके बाद मौलाना कलीमुद्दीन और उसका बेटा हुफैजा सऊदी अरब भाग गया डीजीपी ने पुलिस टीम को दी बधाई डीजीपी कमल नयन चौबे ने एटीएस द्वारा अलकायदा से जुड़े आतंकी कलीमुद्दीन मुजाहिरी की गिरफ्तारी पर प्रसन्नता जतायी है. डीजीपी ने एटीएस एसपीॉ व टीम में शामिल पुलिस अफसर व कर्मियों को बधाई दी है. डीजीपी ने अपने बधाई संदेश में कहा है कि मुझे उम्मीद है कि इस गिरफ्तारी से झारखंड के अंदर चल रहे आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगेगा. झारखंड पुलिस की पकड़ इस तरह की गतिविधियों पर और मजबूत होगी.